भाजपा कर्नाटक से फूँकेगी चुनावी बिगुल

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भाजपा बुधवार से यहाँ शुरू होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक के जरिए छह राज्यों के विधानसभा चुनावों एवं लोकसभा चुनाव के लिए शंखनाद करेगी।

दक्षिण में पहली बार कमल खिलने की वजह से भाजपा नेतृत्व ने दो माह बाद विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के अभियान के लिए कर्नाटक की धरती को ही मुफीद समझा।

इस बैठक के जरिए भाजपा चुनावी दंगल के लिए आजमाए जाने वाले खास दाँव पेंचों की व्यापक समीक्षा तो करेगी ही अपनी ताकत का भी अहसास कराएगी।

कार्यकारिणी की इस बैठक का मकसद तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में पार्टी को गुजरात की तरह ही विजयी बनाकर सत्ता पर कब्जा बरकरार रखना और दिल्ली विधानसभा तथा लोकसभा चुनावों में जीत का स्वाद चखकर सत्ता पक्ष में बैठना है।

पिछले चार वर्षो में कीमतों में हुई वृद्वि, मुद्रा स्फीति के दोहरे अंक में पहुँचने भारत-अमेरि‍का परमाणु करार के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने तथा देश के कई हिस्सों में आंतकवादी गतिविधियों के कारण संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के असफल रहने के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी।

कार्यकारिणी में 200 से अधिक प्रतिनिधि, पदाधिकारी, पार्टी के सांसद, राजस्थान, मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के आगामी चुनावों पर विचार-विमर्श करेगें, जहाँ पार्टी पाँच वर्ष के कार्यकाल की समाप्ति के बाद पुनः सत्ता पर काबिज होने को तत्पर है।

इससे पार्टी को दिल्ली में भी अपनी स्थिति मजबूत बनाने का रास्ता मिलेगा और जम्मू-कश्मीर तथा मिजोरम में भी वह अपना रास्ता खोज सकेगी।

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