मधुशाला के खिलाफ फतवे पर मतभेद

Webdunia
रविवार, 16 नवंबर 2008 (19:08 IST)
साहित्यकार हरिवंशराय बच्चन की मशहूर काव्यकृति मधुशाला के खिलाफ यहाँ के शहर काजी द्वारा जारी फतवे को लेकर मुस्लिम विद्वानों में मतभेद हैं।

कुछ विद्वानों का मानना है कि यदि ऐसे फतवे जारी होते रहे तो लगभग सभी उर्दू और फारसी साहित्य पर ही प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस फतवे को गंभीरता से नहीं ले रहा है। बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य और बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा उन्होंने मधुशाला पढ़ी नहीं है, लेकिन उन्हें लगता है कि मधुशाला हो या कोई अन्य किताब इसमें लेखक के अपने विचार होते हैं।

जिलानी ने कहा विचारो के माध्यम से जब तक इस्लाम पर चोट पहुँचाने की कोशिश न की गई हो, उसके खिलाफ फतवा नहीं जारी किया जाना चाहिए। उन्हें नहीं लगता कि बच्चन ने मधुशाला के जरिए इस्लाम पर चोट की होगी।
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