सामंजस्य से बनें रिश्ते प्रगाढ़

कुछ बदलाव अच्छे होते हैं

गायत्री शर्मा
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सामंजस्य विवादों को रोकने में महत्वपूर्ण कार्य करता है। इससे विवाद न केवल टलते हैं बल्कि उसकी संभावनाएँ भी समाप्त हो जाती हैं।

किसी भी इंसान को समझे बगैर उसके साथ जिंदगी नहीं गुजारी जा सकती है। जब तक हम एक-दूसरे की सोच, व्यवहार, शौक आदि के बारे में नहीं जानेंगे तो हम जीवन की डगर पर उसके साथ कैसे चल पाएँगे?

पति-पत्नी के रिश्ते में भी कई बार ऐसी स्थितियाँ निर्मित होती हैं कि पति कुछ और चाहता है और पत्नी कुछ और ही करती है। सालों साथ रहने के बाद भी वे एक-दूसरे की पसंद-नापसंद को नहीं जान पाते हैं। इस कारण आए-दिन घर में विवाद होते रहते हैं। इन विवादों का एकमात्र कारण उन दोनों में सामंजस्य का अभाव रहता है।

थोड़ा बदलाव जरूरी :-
हर व्यक्ति की पसंद अलग होती है। किसी को कुछ अच्छा लगता है, तो किसी को कुछ। अधिकतर टकराव व विवाद खयालों के बेमेल होने से होते हैं।

पति को यदि पिंक कलर की साड़ी पसंद है तो पत्नी को पीले रंग की। दोनों की पसंद अलग-अलग हैं परंतु यदि पत्नि अपने पति को खुश करने के लिए उसकी पसंद की साड़ी पहने तो विवादों की स्थिति ही निर्मित नहीं होगी। यदि हमारी जीवनशैली में कुछ बदलाव हमारे अपनों को खुशी देते हैं तो ऐसे बदलाव अच्छे हैं।

सामंजस्य सुखी जीवन का सूत्र :-
एक-दूसरे की शिकायतें करने से मधुर संबंधों में खटास आ जाती है। हर कोई हमारी सोच की कसौटी पर खरा उतरे, यह संभव नहीं है। थोड़ा-सा मन मारने व रिश्तों में सांमजस्य बैठाने से ‍जिदंगी की राह आसान हो जाती है।

यह सच है कि ताली दोनों ही हाथों से बजती है। एक-दूसरे की जरूरतों और छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर हम खुशियों से अपनी झोली को भर सकते हैं।

क्यों न आप और हम भी आज ही अपने हठ व अहम को त्यागकर सामंजस्य को अपनाएँ व एक सुखी जीवन की शुरुआत करें?

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