आचार्यश्री उमेशमुनिजी का देवलोकगमन

नौ घंटे के संथारे के बाद देह त्यागी

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श्रमण संघ के 81 वर्षीय आचार्यश्री उमेशमुनिजी का रविवार शाम 5.16 मिनट पर उज्जैन में संथारा के साथ देवलोकगमन हो गया। उमेशमुनिजी का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उनके शिष्य 17 मार्च की सुबह लगभग साढ़े सात बजे उन्हें सादंग ग्राम से उज्जैन करीब 10 किलोमीटर तक डोली में ले गए। डोल सोमवार को नीमचौक नयापुरा स्थित चंदनबाड़ा जैन स्थानक भवन से शुरू होकर कार्तिक चौक, मेला प्रांगण में अंतिम संस्कार हुआ।

उनकी दीक्षा को 59 साल पूरे हो गए थे। इससे पूर्व सुबह सागरा संथारा पच्चक्खाण (धारण) की सूचना मिलते ही नगर सहित अंचल से आचार्यश्री के दर्शनार्थ उज्जैन के लिए श्रद्घालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था।

उल्लेखनीय है कि थांदला में जन्मे उमेशमुनिजी का होली चातुर्मास उन्हेल (उज्जैन) में हुआ था। बीते कुछ समय से उन्हें श्वासनली से संबंधित परेशानी थी। चातुर्मास के दौरान उनकी तकलीफ बढ़ गई। उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो रही थी। शनिवार को ही उन्हें विहार के साथ उज्जैन लाया गया। यहां चेरिटेबल अस्पताल में चिकित्सीय जांच के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी।

ज्ञात हो कि आचार्यश्री उमेशमुनिजी का आगामी वर्षावास बदनावर में ही होना था। स्थिरवास भी यहीं करने की घोषणा हो चुकी थी। स्थानकवासी जैन समाज द्वारा उनके चातुर्मास की तैयारी जोरशोर से की जा रही थी। आचार्यश्री उमेशमुनिजी 'अणु' की रविवार की शाम उज्जैन में देवलोकगमन की सूचना मिलते ही समाज में शोक की लहर छा गई।

जैन धर्म के हजारों अनुयायियों के उज्जैन पहुंचने की संभावना के चलते सांसद प्रेमचंद की अनुशंसा पर सोमवार को उज्जैन पहुंचने वाले चारों प्रमुख मार्गों को टोल टैक्स से मुक्त रखा गया है।

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