हिन्दी दोहे गणतंत्र के

- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे

Webdunia
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान।
छह दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान॥

सब धर्मों को मान दे, रचा गया इतिहास।
इसीलिए हर नागरिक, के अधरों पर हास॥

प्रजातंत्र का तंत्र यह, लिये सफलता-रंग।
जात-वर्ग औ क्षेत्र का, भेद नहीं है संग॥

पांच वर्ष में हो रहा, संविधान का यज्ञ।
शांतिपूर्ण ढंग देखकर, चौंके सभी सुविज्ञ॥

भारत का हर नागरिक, संविधान का मीत।
इसीलिए सबके अधर, विश्वासों का गीत॥

पर कुछ नेता भ्रष्ट हो, फैलाते अंधियार।
ऐसे तो मर जाएगा, भारत का उजियार॥

इसीलिए हो जागरुक, भारत का हर वीर।
तभी मरेगी वेदना, हारेगी सब पीर॥

जो भी बिखरे राह में, चुनने होंगे शूल।
तभी खिलेंगे देश में, उत्थानों के फूल॥

शनैः शनैः कितना बढ़ा, देखो भ्रष्टाचार।
पर यदि जनता जागरुक, हो सकता उपचार॥

एक बार फिर चेतना, फिर गूंजे उद्घोष।
देश रहेगा स्वस्थ तब, जब हर रक्खे होश॥
Show comments

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन जीता तो कौन होगा PM, अरविंद केजरीवाल ने दिया जवाब

Jammu-Kashmir : जम्मू में प्रचंड गर्मी ने तोड़ा रिकॉर्ड, 5 से 15 घंटों की बिजली कटौती निकाल रही है जान

अनचाही कॉल्स रोकने के लिए सरकार ने बनाया बड़ा प्लान

Swati Maliwal case : स्वाति मालीवाल मामले पर पहली बार अरविंद केजरीवाल का बयान, जानिए क्या बोले

मांएं क्‍यों कर रहीं हत्‍याएं, अब नागपुर में मां ने की 3 साल की बेटी की हत्‍या, शव सड़क पर लेकर घूमती रही

केजरीवाल के माता-पिता से पूछताछ पर सियासत, क्या बोले भाजपा नेता कपिल मिश्रा?

Petrol Diesel Price: पेट्रोल डीजल की कीमतों में हुआ बदलाव, जानें ताजा भाव

पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाओं पर रोक की मांग, क्या है चुनावों से कनेक्शन?

Pune Porsche Accident : नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द, 5 जून तक निगरानी केंद्र में भेजा

Weather Update: राजस्थान में पारा 48 डिग्री पर पहुंचा, कई राज्यों के लिए IMD ने जारी किया रेड अलर्ट