चीन में भगवान राम को कहते हैं 'लोमो'

Webdunia
बुधवार, 20 फ़रवरी 2013 (15:38 IST)
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चीन में रामायण का एक अलग ही रूप है। रामायण के हर पात्र के नाम वहां अलग है और चीन में राम कथा के मायने भी अलग हैं। 'दशरथ कथानम्' के अनुसार राजा दशरथ जंबू द्वीप के सम्राट थे और उनके पहले पुत्र का नाम लोमो था।

भगवान राम और उनके जीवन का ‍दुनिया के हर क्षेत्र में गहरा प्रभाव पड़ा है। 7323 ईसा पूर्व राम का जन्म हुआ था अर्थात आज से लगभग 9 हजार वर्ष पूर्व राम के होने के सबूत मिलते हैं। राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था। इस दौरान उन्होंने दुनिया के हर क्षेत्र में घुमकर लोगों को ज्ञान और ध्यान की शिक्षा दी।

हालांकि चीनी साहित्य में राम कथा पर कोई अलग से ग्रंथ नहीं है और न ही रामायण को संस्कृत से चीन में अनुवाद किया गया फिर भी राम कथा चीन में प्रसिद्ध है।

चीन का मूल धर्म बौद्ध है। बौद्ध धर्म ग्रंथ त्रिपिटक के चीनी संस्करण में रामायण से संबद्ध दो रचनाएं मिलती हैं। पहली 'अनामकं जातकम्' और दूसरी 'दशरथ कथानम्'।

फादर कामिल बुल्के का नाम कौन नहीं जानता। उनके अनुसार तीसरी शताब्दी ईस्वी में 'अनामकं जातकम्' का कांग-सेंग-हुई द्वारा चीनी भाषा में अनुवाद हुआ था जिसका मूल भारतीय पाठ अप्राप्त है। चीनी अनुवाद लियेऊ-तुत्सी-किंग नामक पुस्तक में सुरक्षित है।

' अनामकं जातकम्' के रचनात्मक स्वरूप से इसके रामायण पर आधारित होने का पता चलता है, क्योंकि इसमें राम वन गमन, सीता हरण, सुग्रीव मैत्री, सेतुबंधष लंका विजय आदि प्रमुख घटनाओं का स्पष्ट वर्णन मिलता है। इसकी कथा पूर्णत: वाल्मीमि रामायण पर आधारित है। हालांकि इसकी कथा नायिका विहीन है।

नायिका विहीन 'अनामकं जातकम्' में जानकी हरण, वालि वध, लंका दहन, सेतुबंध, रावण वध आदि प्रमुख घटनाओं का वर्णन इसलिए नहीं मिलता क्योंकि चीन का धर्म अहिंसा पर आधारित है।

हालांकि 'दशरथ कथानम्' के अनुसार राजा दशरथ जंबू द्वीप के सम्राट थे। राजा की प्रधान रानी के पुत्र का नाम लोमो (राम)। दूसरी रानी के पुत्र का नाम लो-मन (लक्ष्मण) था। राजकुमार लोमो में ना-लो-येन (नारायण) का बल और पराक्रम था। उनमें 'सेन' और 'रा' नामक अलौकिक शक्ति थी तीसरी रानी के पुत्र का ना पो-लो-रो (भरत) और चौथी रानी के पुत्र का नाम शत्रुघ्न था।

' दशरथ कथानम्' पूर्णत: राम की कथा है जो चीन में प्रसिद्ध है। दोनों ही कथाओं में 'सीता हरण' का जिक्र न होने के काण सीता के बारे में सिर्फ सांकेतिक कथा ही है।
- वेबदुनिया संदर्भ

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