शेयर बाजार में सचेत रहने की यह बात आने वाले दिनों में मंदी का संकेत नहीं है, लेकिन अब थोड़ी हिम्मत के साथ आम निवेशक फिर से बाजार में लौटने की कोशिश कर रहा है। यह सचेत रहने की बात अब उन्हीं निवेशकों के लिए है कि वे पिछली तेजी के समय की गई गलतियों को फिर से न दोहराएँ।
मसलन कई विश्लेषक यह कहते हुए मिल जाते हैं कि अमुक शेयर खरीदो, दस दिन में एक का दस मिल जाएगा। इस तरह की आने वाली बेसिर-पैर की सिफारिशें तब अच्छी लगती हैं, जब पैसा आता है लेकिन जब पैसे की धुलाई शुरू होती है तो अफसोस के अलावा कुछ हाथ में नहीं रहता।
शेयर बाजार ने पिछले दिनों जो छलांग लगाई है उसके बाद दिन में चाँद दिखाने वाले सक्रिय हो गए हैं, निवेशक बचकर चलें तो सुखी रहेंगे। मौजूदा माहौल में फ्रंटलाइन या दिग्गज मिडकैप शेयरों में ही निवेश करें और लांग पोजीशन लेकर चलने से अच्छा है एक बेहतर बढ़त पर मुनाफावसूली करते चलें।
वेबदुनिया ने हमेशा यही कहा है कि जो मुनाफा आज आपकी जेब में जा रहा है वह हो सकता है कल किसी और की जेब में चला जाए। अत: हर बढ़त पर मुनाफा बुक करते चलें। जी-20 देशों की बैठक में दुनियाभर में छाई मंदी को समाप्त करने के लिए एक ट्रिलियन डॉलर खर्च करने की मुख्य बात सामने आई, जिसका असर शेयर बाजारों पर देखा जा रहा है।
इस एक सकारात्मक खबर के बाद आने वाले दिनों में और भी सकारात्मक खबरें सुनने को मिलेंगी जिन्हें बाजार पाजिटिव लेगा और भारत ही नहीं दुनियाभर के शेयर बाजारों का रंग बदलता नजर आएगा। हमारा देश अब आम चुनाव की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
दिल्ली में अगली सरकार चाहे जिस दल की बने, उसे सामाजिक और आर्थिक सुधार की ओर ध्यान देना ही होगा। कांग्रेस या भाजपा में से किसी की भी सरकार बने, शेयर बाजार को कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि इन दोनों दलों की नीतियों से हर कोई परिचित है और ये आपस में मिलती-जुलती ही हैं लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी या मायावती की अगुवाई में कोई सरकार बनती है तो शेयर बाजार की एक बार फिर खासी धुलाई हो सकती है।
हालाँकि अब यह तय है कि अगली सरकार कोई एक दल अपने बलबूते पर नहीं बना सकता और गठबंधन सरकार का दौर चलता रहेगा, लेकिन गठबंधन में कौन-से दल आते हैं इसका थोड़ा असर जरूर पड़ेगा। चुनाव के कुछ कारक तो नतीजे आते-आते डिस्काउंट हो जाएँगे फिर भी निवेशक सचेत रहते हुए ट्रेड ही करें क्योंकि मध्यम या लंबी अवधि के लिए निवेश का समय आना अभी बाकी है।
6 अप्रैल से शुरू हो रहे नए सप्ताह में शेयर बाजार मंगलवार को महावीर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के उपलक्ष्य में बंद रहेंगे। इस सप्ताह तीन दिन ही कारोबार होगा।
चालू सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 10813 से 9919 के बीच घूमता रहेगा जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 3355 से 3088 के बीच कारोबार करेगा।
सूरत कमर्शियल कॉरपोरेशन के इक्विटी विश्लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि यदि बाजार में कुछ असामान्य न घटा तो बीएसई सेंसेक्स दस मई से पहले 11500 अंक निश्चित रूप से पहुँच सकता है। सेंसेक्स 9785 के ऊपर रहने पर पहले 10579 से 10883 के बीच रेसीसटेंस पाएगा और 10883 को पार करने पर यह 11259 की ओर आगे बढ़ेगा। स्टॉप लॉस 10579 का रखना चाहिए। बाजार के रुझान में परिवर्तन की संभावना 10579 को पार किए बगैर 9785 के स्तर को तोड़ने पर ही समझें।
मोदी कहते हैं कि सेंसेक्स को 9785 के नीचे 9481 से 9294 के बीच सपोर्ट मिलने की संभावना है जिसकी उम्मीद 80 फीसदी से ज्यादा है। इसका अर्थ यह है कि 9785 का स्तर टूटने पर 9400 से 9280 के बीच आने की उम्मीद 80 फीसदी है। सेंसेक्स 9481 का स्तर टूटने के बाद 8803 तक जा सकता है। अत: नई तेजी जब तक 9481 का स्तर टूटने के बाद जब तक 9795 का स्तर पार नहीं करेगी, आना जोखिमी दिख रही है। 8800 का स्तर टूटने पर फिर से 8000 से 7700 तक की गिरावट देखने को मिल सकती है लेकिन इसके सच होने का अवसर दस फीसदी भी नहीं दिख रहा। तेजी के आक्रामक मूड की वजह से सेंसेक्स 11677 अंक तक जा सकता है।
तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि सेंसेक्स के अगले रेसीसटेंस 10469-10945 के बीच बनने वाले रेसीसटेंस स्तर पर होगी। साप्ताहिक सपोर्ट स्तर 10100-9769 और 9520 है। स्टॉप लॉस 9520 का रखें। निवेशक सेंसेक्स के 10469-11150 पहुँचने पर इसे नकदी में जरूर पलट लें।
इस सप्ताह निवेशक बजाज इलेक्ट्रिकल्स, क्राम्पटन ग्रीव्ज, सेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस, जेएसडब्लू स्टील, हिंडाल्को, हवेल्स इंडिया, कोस्मो फिल्म, टिस्को, टेलको, आईटीसी, एनटीपीसी, अरेवा टी एंड डी, कंटेनर कॉरपोरेशन, रोल्टा, धनलक्ष्मी बैंक, वेल्सपन गुजरात रोहरेन, सीएमसी और कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन पर ध्यान दे सकते हैं।
*यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।