सकारात्मक समाचार नजरअंदाज

Webdunia
रविवार, 23 मार्च 2008 (16:43 IST)
- शैलेन्द्र कोठारी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान केपिटल मार्केट सेगमेंट में विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने के कारण निफ्टी कुल 172 प्वॉइंट्स घटकर 4574 पर बंद हुआ। व्यवसायियों एवं निवेशकों का मनोबल इतना कमजोर था कि विभिन्न सकारात्मक समाचारों के बावजूद सेंसेक्स एवं निफ्टी द्वारा किसी भी ट्रेडिंग सत्र के दौरान ली गई बढ़त पूरी तरह से टिक नहीं पाई।

फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती से अमेरिकी बाजार मजबूत हुए हों या फिर भारत की प्रमुख कंपनियों द्वारा मार्च तिमाही के लिए ज्यादा टैक्स जमा कराया हो, पॉजिटिव ट्रिगर के लिए पर्याप्त इन बातों का मनोवृत्ति पर कोई असर नहीं पड़ा। निवेशकों की निराशा को बढ़ाते हुए मिड एवं स्मॉल-केप इंडेक्स 9 से 11 प्रतिशत तक घटकर बंद हुए।

बजट प्रस्तुत होने के बाद से लगातार तीसरे सप्ताह एनएसई एवं बीएसई में गिरावट की स्थिति बनी रही। मुख्य रूप से अमेरिकी मंदी की चिंता में दिन-प्रतिदिन दुबले हुए जा रहे भारतीय बाजारों ने खराब खबरों पर त्वरित प्रतिक्रिया देना जारी रखी है, जबकि अच्छी खबरें नजरअंदाज हो रही हैं। अमेरिका में बीयर स्टर्न के शेयर होल्डर्स को हुए असहनीय नुकसान के बावजूद वहाँ पर बाजार मजबूती से टिके हुए हैं, जबकि निफ्टी एवं सेंसेक्स गोते लगाने की प्रेक्टिस कर रहे हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि यह अतिसट्टात्मकता के दुष्परिणाम हैं। पहले तो तेजी की अति हुई और अब तमाम फंडामेंटल्स को नकारते हुए मंदी की अति हो रही है। बहुसंख्य फंड मैनेजर्स यह मानते हैं कि वर्तमान स्तरों पर दीर्घावधि निवेश के लिए बाजार अच्छे अवसर प्रदान कर रहा है।

हालाँकि नया निवेश म्यूच्युअल फंडों के जरिए तथा अपनी जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही किया जाना चाहिए। यह हो सकता है कि कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों तक बाजार में रिटर्न नहीं मिले या रिटर्न थोड़े निगेटिव हो जाएँ, लेकिन यह बाजार इतना चमत्कारिक है कि यह जब तेज होता है तो पूरी कसर एक बार में निकाल लेता है।

एक फंड मैनेजर का कहना है कि इंडिया ग्रोथ स्टोरी अपनी जगह कायम है, किंतु हम पिछले 4-5 साल में पहले से ही काफी तेजी से बढ़ चुके हैं। इसलिए अभी आर्थिक प्रगति एवं शेयर बाजारों में गतिरोध उत्पन्न हो रहा है तो इसे कंसोलिडेशन के रूप में लिया जाना चाहिए।

कंसोलिडेशन का यह दौर 6 से 12 महीने भी चल सकता है, इसलिए नए निवेशक सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेश करें तो बेहतर होगा।

इस सप्ताह 2 नए इश्यू खुलेंगे
* सोमवार से टीटागढ़ वेगंस : रेलवे वेगंस बनाने वाली इस प्रमुख कंपनी के 10 रु. फेस वेल्यू वाले शेयर्स 540-610 रु. के प्राइस बैंड पर जारी हो रहे हैं। कंपनी हैवी अर्थ मूविंग एवं माइनिंग इक्विपमेंट्स भी बनाती है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2006-07 में 284 करोड़ रु. के टर्न ओवर पर 29.18 करोड़ रु. का शुद्ध मुनाफा कमाया था तथा सितंबर- 2007 को समाप्त 6 महीनों में 212 करोड़ रु. के टर्न ओवर पर 24.30 करोड़ रु. का शुद्ध मुनाफा हो चुका है अर्थात कंपनी की प्रगति रफ्तार तेज है। जनवरी-2008 तक कंपनी के पास लगभग 753 करोड़ रु. के ऑर्डर पेंडिंग है यानी भविष्य की संभावनाएँ भी बेहतर हैं।

वेगंस एवं अन्य इक्विपमेंट्स के निर्माण में स्टील मुख्य रॉ-मटेरियल है तथा स्टील की कीमतें बढ़ रही हैं, किंतु मैनेजमेंट का कहना है कि कंपनी ने सारे अनुबंध प्राइस वेरिएशन क्लॉज के साथ किए हैं यानी रॉ-मटेरियल की कीमतों में फर्क आता है तो भी कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वित्तीय वर्ष 2007-08 की अनुमानित प्रति शेयर आय 30 रु. पर यह शेयर लगभग 20 के पीई अनुपात पर जारी हो रहा है।

कुछ विदेशी निवेशकों ने इश्यू आने के पहले ही कंपनी से बड़ी मात्रा में शेयर्स खरीद लिए हैं। ब्लैक स्टोन ने 672 रु. के भाव पर, जेपी मोर्गन ने 610 रु. एवं जीई कैपिटल ने 524 रु. के भाव पर शेयर खरीदे हैं। इश्यू को संस्थागत निवेशकों का जोरदार रिस्पांस मिल सकता है।

मंगलावार से किरी डाइज : किरी डाइज एंड केमिकल्स का इश्यू कल से खुल रहा है। कंपनी 10 रु. फेस वेल्यू के शेयर्स 125 से 150 रु. के प्राइस बैंड जारी कर रही है। वित्तीय वर्ष 2006-07 में कंपनी ने 140 करोड़ की कुल आय पर 8.63 करोड़ रु. का शुद्ध मुनाफा कमाया है तथा सितंबर-2007 को समाप्त छःमाही में कंपनी को 105 करोड़ रु. की आय पर 8.90 करोड़ रु. का शुद्ध लाभ हुआ है अर्थात कंपनी का कामकाज एवं लाभ अच्छी गति से बढ़ रहा है, लेकिन मुख्य समस्या यह है कि इस सेक्टर के शेयरों में बड़े निवेशकों की विशेष दिलचस्पी नहीं है।

साइक्लिकल इंडस्ट्री होने की वजह से इस सेक्टर का पीई 5-7 ही रहता है। वित्तीय वर्ष 2007-08 की अनुमानित प्रति शेयर आय 12 रु. पर ये शेयर काफी महँगे भाव पर जारी हो रहा हैं। इस इश्यू में सट्टात्मकता ज्यादा दिखाई दे रही है, इसलिए निवेशक स्वयं निर्णय लें।

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