मंदी की चिंताओं के कारण वैश्विक बाजार में कमजोर होते रुख के कारण व्यापारियों की भारी बिकवाली से वायदा बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई।
वैश्विक बाजार में कमजोरी के रुख और वार्ता के विस्तार के कारण अमेरिकी रिफायनरी श्रमिकों की हड़ताल का तत्काल खतरा कम होने की खबर के बाद कारोबारी धारणा मंद हो गई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल के मई अनुबंध की कीमत 2.32 प्रतिशत घटकर 2405 रुपए प्रति बैरल हो गई। इस अनुबंध में दो लाट के लिए कारोबार हुआ।
कच्चे तेल के फरवरी अनुबंध की कीमत 1.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1989 रुपए प्रति बैरल रह गई, जिस अनुबंध में 4538 लाट के लिए कारोबार हुआ। अप्रैल और मार्च अनुबंध की कीमत 0.69 और 0.64 प्रतिशत की कमी के साथ क्रमशः 2310 रुपए और 2190 रुपए प्रति बैरल रह गई। अप्रैल अनुबंध में जहाँ सात लाट के लिए कारोबार हुआ, वहीं मार्च में 602 लाट के लिए कारोबार हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा विदेशी बाजारों में कमजोरी के रुख ने भी कीमतों में नरमी लाने का काम किया, जबकि अमेरिका में श्रमिकों की हड़ताल की आशंका ने भी कीमतों को प्रभावित किया।
उन्होंने कहा न्यूयॉर्क मर्केन्टाइल एक्सचेंज में मार्च अनुबंध वाले कच्चे तेल की कीमत घटकर 39.83 डॉलर तक लुढ़कने के बाद 40.88 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जो फिर भी 80 सेन्ट की गिरावट को दर्शाता है। इस चीज ने भी कारोबारी धारणा को प्रभावित किया।