सरपट दौडा़ शेयर बाजार

Webdunia
रविवार, 5 अप्रैल 2009 (11:59 IST)
वैश्विक मंदी से निबटने के लिए दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा 11 सौ अरब रुपए के राहत पैकेज की घोषणा, विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की चौतरफा लिवाली तथा एशियाई और यूरोपीय बाजारों में आई तेजी की बदौलत लगातार चौथे सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों ने सरपट दौड़ लगाई और सेंसेक्स दस हजार तथा निफ्टी तीन हजार के जादुई आँकड़ा पार कर गया।

बृहस्पतिवार को सेंसेक्स पिछले कारोबारी सप्ताह के 10048.49 अंकों की तुलना में 300.34 अंक ऊपर चढ़कर बंद हुआ। निफ्टी भी पिछले सप्ताह के 3108.65 अंको की तुलना में 102.40 अंकों की दौड़ लगाते हुए 3211.05 अंक तक जा पहुँचा।

सप्ताह की शुरुआत हालाँकि शेयर बाजार के लिए फीकी रही और वैश्विक बाजारों से मिले खराब संकेतों तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारी बिकवाली के कारण सोमवार को सेंसेक्स ने 480 अंकों का तथा निफ्टी ने 130 अंकों का गोता लगाया, लेकिन इसके बाद के तीनों सत्रों में खासी तेजी बरकरार रही और बृहस्पतिवार को तो सेंसेक्स और निफ्टी पाँच महीनों के उच्चतम स्तर पर जाकर बंद हुए।

जी-20 के राहत पैकेज ने आखिरी कारोबारी दिवस में पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में नई जान फूँक दी। यूरोपीय बाजारों में 3 से 5 फीसदी और एशियाई बाजारों में 3 से 7 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई, जिससे घरेलू बाजार को आधार मिला।

शुक्रवार को रामनवमी के कारण बाजार बंद रहने से इस सप्ताह केवल चार सत्र का कारोबार हुआ। धातु, बैंकिंग, रियलिटी, तेल एवं गैस तथा आईटी सूचकांको में मात्र एक सत्र को छोड़कर लगातार मजबूती देखी गई, जिससे बाजार में तेजी बनी रही।

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने आखिरी दिन कुल 692 करोड़ रुपए की तथा घरेलू संस्थानों ने कुल 254 करोड़ रुपए की खरीदारी की। चीन के विनिमार्ण क्षेत्र और अमेरिका के वित्तीय क्षेत्र में सुधार के संकेत से भी बाजार को बल मिला।

हालाँकि बाजार विश्लेषकों का मानना है कि मंदी में बाजारों की यह तेजी भले ही ज्यादा दिन बरकरार नहीं रहे, लेकिन कुछ सप्ताह इनमें बढ़त रहेगी। विशलेषकों का कहना है कि वर्तमान में जो लक्ष्ण सामने हैं, वह तेजी की तरफ इशारा करते हैं लेकिन फिर भी निवेशकों को बहुत संभलकर निवेश की दिशा में कदम उठाना चाहिए।

निवेशकों में उत्साह है लेकिन आगे आम चुनावों के कारण राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल भी है। नई सरकार क्या नीति अपनाएगी, इसे लेकर अटकलें तेज हैं। ऐसे में अल्पावधि के निवेश में ही समझदारी है, इसमें जोखिम कम रहेगा।

ऑटो मोबाइल, स्टील, सीमेंट और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों में अच्छी संभावनाएँ हैं। देश में बुनियादी सुविधा क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और स्टील तथा सीमेंट की माँग बढ़ी है। ये तमाम चीजें बाजार को मजबूत आधार दे रही हैं।

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