सुनील के करियर का सबसे दु:खद पल

Webdunia
मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010 (17:09 IST)
पिछले साल अपने पिता की मौत की खबर सुनने के बावजूद अजलन शाह कप खेलने वाले भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी फारवर्ड एसवी सुनील पैर की चोट के कारण विश्व कप से बाहर हो गए और इसे उन्होंने अपने करियर का सबसे दु:खद पल करार दिया है।

कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने कहा कि मेरा सपना था कि अपनी धरती पर हो रहे विश्व कप में खेलकर टीम की जीत में योगदान दूँ। मैं चोट के बावजूद खेलना चाहता हूँ लेकिन डॉक्टरों ने छह सप्ताह आराम की सलाह दी है। इससे बुरा क्या हो सकता है कि विश्व कप भारत में हो रहा है और मैं नहीं खेल सकूँगा।

भारतीय हॉकी टीम के फिजियो श्रीकांत ने बताया कि सुनील के दाहिने पैर की हड्डी में चोट है जिसे उसे छह सप्ताह तक पूरी तरह आराम करना होगा। उसकी प्रगति देखने के बाद तय किया जाएगा कि वह कब मैदान पर उतर सकता है।

सुनील ने कहा मुझे पता ही नहीं चला कि चोट कब लगी। पुणे में अभ्यास शिविर शुरू होने के दो दिन बाद दर्द महसूस हुआ तो मै ंने श्रीकांत (फिजियो) को बताया। एमआरआई के बाद मुंबई में विशेषज्ञ डॉक्टर अनंत जोशी को दिखाया, जिन्होंने हड्डी के स्कैन के बाद छह हफ्ते आराम के ल ि ए कहा है।

उन्होंने कहा टीम से बाहर होने के बावजूद मैं दिल्ली में टीम के साथ रहूँगा विश्व कप के दौरान मैं हर पल टीम के अनुभव का हिस्सा बनना चाहता हूँ। इसके अलावा मेरा इलाज भी यहाँ चलता रहेगा। सुनील ने टीम से वह पदक जीतने की अपील करते हुए कहा कि इस टीम में विजेता बनने के सारे गुण मौजूद हैं।

उन्होंने कहा मुझे यकीन है कि यह टीम विश्व कप में पदक जीत सकती है। मैं अपने साथी खिलाड़ियों से अपील करुँगा । वे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके यह मुकाम हासिल करें। मैं उनकी हौसलाअफजाई के लिए उनके साथ रहूँगा। उन्होंने कहा मैं नहीं जानता कि जब टीम खेल रही होगी तो बाहर बैठे मुझ पर क्या बीतेगी।

मैने श्रीकांत से कहा कि मैं खेलना चाहता हूँ। हालाँकि दर्द इतना अधिक है कि बर्दाश्त करना मुश्किल है। सुनील ने बताया कि उनके बाहर होने की खबर मिलने के बाद सभी साथी खिलाड़ियों और कोचों ने उन्हें ढांढस बंधाकर दिल छोटा नहीं करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा मुझे लगा नहीं था कि यह चोट इतनी गहरी है, लेकिन जब मुझे बताया गया कि मैं विश्व कप नहीं खेल सकता तो मेरी रूलाई नहीं थम रही थी। ऐसे में सभी साथी खिलाड़ियों ने मुझे हिम्मत नहीं हारने और अगले टूर्नामेंट के लिये तैयार रहने की सलाह दी। अब मैं दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल में सारी कसक निकालने की कोशिश करूँगा।

पिछले साल कुआलालम्पुर में अजलन शाह टूर्नामेंट के दौरान भारत को 5 अप्रैल को मिस्र से पहला मुकाबला खेलना था और चार अप्रैल की रात ही सुनील के पिता एसएम विट्ठलाचार्य का निधन हो गया था। कोच और टीम ने उनसे भारत लौटने के लिए कहा लेकिन उन्होंने टूर्नामेंट खेला और 13 साल बाद भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने तब कहा था कि इसके लिए उन्होंने सचिन तेंडुलकर से प्रेरणा ली थी, जिन्होंने 1999 विश्व कप के दौरान पिता की मौत के बाद अंत्येष्टि से लौटकर अगले मैच में शतक जमाया था। (भाषा)

Show comments

Mumbai Indians : 5 बार की चैंपियन मुंबई 5 मैच जीतने के लिए तरसी, जानिए 5 कारण

PCB चीफ का बड़ा ऐलान, विश्वकप जीते तो हर पाकिस्तानी खिलाड़ी खेलेगा करोड़ों से

BCCI Press Conference : विराट कोहली के स्ट्राइक रेट के बारे में चिंता करने वाले लोगों को चयनकर्ता ने दिया करारा जवाब

MS Dhoni ने CSK के इस खिलाड़ी के लिए निभाया है एक पिता का रोल

हार्दिक पंड्या के T20 World Cup में उपकप्तान होने से खुश नहीं है इरफान पठान

IPL 2024: राजस्थान ने दिल्ली के खिलाफ जीता टॉस चुनी गेंदबाजी (Video)

जो कर रहे थे MS Dhoni के 9वें नंबर पर आने की आलोचना, पछतावा होगा उन्हें कारण जानकर

T20I World Cup Final होगा India vs West Indies, इस दिग्गज ने की भविष्यवाणी

अहमदाबाद में जन्मा यह 36 वर्षीय अमेरिकी क्रिकेटर करता है फार्मा कंपनी में नौकरी (Video)

सर रविंद्र जड़ेजा ने धर्मपत्नी रिवाबा जड़ेजा के साथ दिया जामनगर में वोट