वास्तु और वृक्ष

Webdunia
- डॉ. किरण रमण

ND
वृक्षों की महत्ता है कि जो पुण्य अनेकानेक यज्ञ करवाने अथवा तालाब खुदवाने या फिर देवाराधना से भी अप्राप्य है, वह पुण्य महज एक पौधे को लगाने से सहज ही प्राप्त हो जाता है। इससे कई प्राणियों को जीवनदान मिलता है। वास्तुशास्त्र में भी वृक्षों का मनुष्य से संबंध निरूपित किया गया है।

* पौधारोपण हेतु उत्तरा, स्वाति, हस्त, रोहिणी और मूल नक्षत्र अत्यंत शुभ होते हैं। इनमें रोपे गए पौधों का रोपण निष्फल नहीं होता है।

* घर के नैऋत्य अथवा अग्निकोण में बगीचा न लगाएँ तथा जिन घरों में बगीचा लगाने की जगह निकाली जा रही हो, वहाँ घर के वाम पार्श्व में ही उद्यान लगाना चाहिए। घर के पूर्व में विशाल वृक्षों का न होना या कम होना शुभ है। फिर भी यदि हो तो उन्हें काटने के बजाय घरके उत्तर की ओर उनके दुष्प्रभावों को संतुलित करने हेतु आँवला, अमलतास, हरश्रृंगार, तुलसी, वन तुलसी के पौधों में से किसी भी एक को लगाया जा सकता है।
  वृक्षों की महत्ता है कि जो पुण्य अनेकानेक यज्ञ करवाने अथवा तालाब खुदवाने या फिर देवाराधना से भी अप्राप्य है, वह पुण्य महज एक पौधे को लगाने से सहज ही प्राप्त हो जाता है। इससे कई प्राणियों को जीवनदान मिलता है।      


* जिन वृक्षों में फल लगना बंद हो गए हों या कम लगते हों उन्हें कुलथी, उड़द, मूँग, तिल और जौ मिले जल से सींचना चाहिए।

* जिस वृक्ष के तने के चारों ओर सूअर की हड्डी का एक-एक टुकड़ा गाड़ दिया जाता है, वह सदैव हरा रहता है, कभी सूखता नहीं है।

* जिस घर की सीमा में निर्गुंडी का पौधा होता है, वहाँ हमेशा अमन-चैन रहता है। इसी प्रकार अंगूर, पनस, पाकड़ तथा महुआ के पौधों का भी घर की सीमा में रोपण शुभ होता है।

* आमलक को लगाने वाले की जमीन संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं। फिर चाहे उस व्यक्ति के द्वारा इस पौधे का रोपण कहीं भी क्यों न किया जाए।

* चन्द्रमा की पीड़ा हरण हेतु गूलर का पौधा लगाना चाहिए।

* घर के पूर्व में बरगद का, पश्चिम में पीपल का, उत्तर में पाकड़ का तथा दक्षिण में गूलर का वृक्ष होना शुभ होता है। इसके विपरीत पूर्व में पीपल, दक्षिण में पाकड़, पश्चिम में बरगद और घर के उत्तर में गूलर का वृक्ष अशुभ माना गया है।

* जिस व्यक्ति के घर में बिल्व का एक वृक्ष लगा होता है, उसके यहाँ साक्षात लक्ष्मी का वास रहता है।

* घर की सीमा में कदली (केला), बदरी (बेर) एवं बाँझ अनार के वृक्ष होने से वहाँ के बच्चों को कष्ट उठाना पड़ता है।

* घर में रेगिस्तानी पौधों का होना शत्रु बाधा, अशांति एवं धनहानि का कारक होता है। कैक्टस के पौधे इसी श्रेणी में आते हैं।

* जिस घर की सीमा में पलाश, कंचन, अर्जुन, करंज और श्लेषमांतक नामक वृक्षों में से कोई भी वृक्ष होता है, वहाँ सदैव अशांति बनी रहती है। बेर का वृक्ष अधिक शत्रु पैदा करता है। बेर का वृक्ष घर की सीमा के बाहर ही शुभ होता है।

* जो व्यक्ति दो बड़ के वृक्षों का रोपण करता है उसके अनेक पापों का शमन होता है। यह वृक्ष किसी खुले मैदान में ही रोपण करें।

* जो व्यक्ति पलाश के वृक्ष का रोपण करते हैं उन्हें उत्तम संतान और सुख देने वाले पुत्र अवश्य ही प्राप्त होते हैं, किंतु पलाश का वृक्ष घर की सीमा में न हो।

* किसी भी कारण से वृक्ष के काटने पर दूसरे 10 वृक्षों का रोपण और पालन करने वाला उसके पाप से मुक्त हो सकता है।
Show comments

Oldest religion in the world: दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौनसा है?

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mahabharat : महाभारत में जिन योद्धाओं ने नहीं लड़ा था कुरुक्षेत्र का युद्ध, वे अब लड़ेंगे चौथा महायुद्ध

Daan punya: यदि आप भी इस तरह से दान करते हैं तो कंगाल हो जाएंगे

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

19 मई 2024 : आपका जन्मदिन

19 मई 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये 5 अचूक उपाय, धन की होगी वर्षा

Shani sade sati: कब और किस समय शुरू होगी इन 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती?

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें