यात्री बसों को दो गेट के मुद्दे पर एक महीने की और मोहलत दे दी गई है। परिवहन महकमे ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव राज्य शासन को मंजूरी के लिए भेजा है। खास बात यह है कि महकमे ने यह प्रस्ताव राज्य शासन की सहमति के बाद भेजा है। जिसमें राज्य शासन की ओर से कोई अंतिम फैसला लिए जाने तक बसों को दो गेट के मुद्दे पर एक महीने की और मोहलत देने की सिफारिश की गई है। इधर परिवहन महकमे की ओर से यह सारी कवायद ऐसे समय की गई है, जब शासन स्तर पर दो गेटों के मुद्दे पर अंतिम फैसले की तिथि 30 नवंबर तय की गई थी, पर 30 नवंबर की समय-सीमा निकल जाने के बाद भी फैसला नहीं हो सका था। ऐसे में महकमे ने शासन स्तर पर चर्चा के बाद बसों को दो गेट पर छूट की समय-सीमा को और एक महीने तक के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव शासन स्तर को भेज दिया है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर राज्य शासन अभी भी किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुँच पाया है। लिहाजा वह बार-बार बस ऑपरेटरों को मोहलत देता जा रहा है।
गौरतलब है कि सेंधवा बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने सभी यात्री बसों में दो गेट लगाने का निर्देश दिया था, इस पर अमल होता इससे पहले ही बस ऑपरेटरों ने विरोध शुरू कर दिया। नतीजतन राज्य शासन ने इस पर पुनर्विचार शुरू कर दिया, जो अभी तक जारी है।