तनाव भगाना हो तो पोछा लगाओ...

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पिछले दिनों हुए एक अध्ययन में मिले अनुभवों ने स्पष्ट किया है कि घरेलू कामकाज न केवल तनाव भगाने में आपकी सहायता करता है, बल्कि कई तरह से आपकी मानसिक स्थिति को भी शांत और आरामदायक बनाने में मदद करता है। आइए पूरी बात को जानते हैं।

घर में पोछा लगाते समय, झाड़ा-झूड़ी करते समय, इस्त्री करते समय, अलमारी जमाते समय, फैलावा समेटते समय या ऐसे ही अन्य कई काम करते समय शायद आपको इन कामों के पॉजीटिव इफेक्ट न दिखाई देते हों। कई बार तो हो सकता है आप इन्हें करते हुए झल्ला भी जाते हों, लेकिन यकीन मानिए तनाव की स्थिति में ये काम एक तरह से आपके मन का गुबार छाँटने का काम कर जाते हैं।

एक ऑनलाइन अध्ययन में कई लोगों ने इस बात को स्वीकारा है कि घर के छिटपुट काम करके वे अपने तनाव या मन में चल रही उथल-पुथल से छुटकारा पा जाते हैं। इस अध्ययन के अंतर्गत आए लोगों का कहना था कि बिखरा और फैला हुआ गंदा घर उन्हें ज्यादा तनाव दे जाता है, जबकि साफ-सफाई करते रहने से उन्हें मानसिक शांति मिलती है। वे सारे घरेलू कामों को एक स्ट्रेसबस्टर थैरेपी के रूप में पाते हैं। कोई वॉशिंग पावडर की महक के साथ वॉशिंग मशीन में घूमते कपड़ों का शोर एन्जॉय करता है तो किसी को इस्त्री करते समय कपड़ों के साथ-साथ दिमागी उलझनों की सलवटें मिटाना पसंद आ जाता है। किसी को मन की शांति के लिए खाने की कोई नई डिश पकाना अच्छा लगता है, किसी को अपनी कार या स्कूटर धोना सुकून दे जाता है। कोई अलमारी में कपड़े जमाते-जमाते अपनी जिंदगी की उलझनों से पार पा जाता है, तो कोई डस्टिंग करते हुए अपना सारा गुस्सा और खीज धूल पर उतारकर, मन के जाले झाड़ डालता है। यहाँ तक कि कई ऐसी महिलाएँ व पुरुष, जिनके जिम्मे घरेलू काम बहुत कम आते हैं, वे भी स्ट्रेस से मुक्ति के लिए झाड़ू-फटका करने को प्राथमिकता देते हैं। एक तरह से यह एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है। दरअसल घरेलू काम करते समय दो मुख्य चीजें होती हैं। एक तो परेशानी की ओर से आपका ध्यान हट जाता है, दूसरे काम करने के दौरान आपका शरीर लय में आ जाता है और दिमाग तरोताजा हो जाता है। फिर काम होने के बाद साफ-सुथरे घर या अलमारी का होना आपको और भी आनंद दे जाता है। काम खत्म होने तक न केवल आपकी मानसिक स्थिति पुनः नियंत्रण में आ जाती है, बल्कि तनाव के बादल भी हट जाते हैं।

तो हुए ना घरेलू काम आपके लिए डबल फायदे का सौदा। लेकिन हाँ, ये थैरेपी आपको तब ही फायदा पहुँचाएगी जबकि आप इसके साथ
एक ऑनलाइन अध्ययन में कई लोगों ने इस बात को स्वीकारा है कि घर के छिटपुट काम करके वे अपने तनाव या मन में चल रही उथल-पुथल से छुटकारा पा जाते हैं
नियमित दिनचर्या एवं पौष्टिक भोजन को भी शामिल करेंगे। भई बिना ईंधन और ऑयलिंग के भी किसी मशीन ने काम किया है भला ? तो अब जब भी कभी कोई चिंता आपका सिर चटकाए या कोई उलझन आपके मन को मथने लगे, उठाइए झाड़ू और झटकार दीजिए सारा तनाव। मगर ध्यान रहे, यह थैरेपी सिर्फ स्त्रियों के लिए नहीं है। यदि आप पुरुष हैं तो भी पोछा आपके लिए स्ट्रेस बस्टर का काम करेगा।
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