स्पॉट फिक्सिंग का कलंक धोने उतरेगा पाक

Webdunia
मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011 (14:50 IST)
पाकिस्तानी टीम जब यहाँ बुधवार को महिंदा राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में कमजोर केन्या के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसका लक्ष्य प्रतिद्वंद्वी टीम को बुरी तरह मात देकर अपने विश्वकप अभियान की बेहतरीन शुरुआत करना होगा ताकि वह स्पॉट फिक्सिंग के कलंक और इससे जुड़ी बुरी यादों को भुलाकर आगामी मैचों में बढ़ े हुए मनोबल के साथ उतर सके।

न चाहते हुए भी पाकिस्तानी टीम आए दिन विवादों में घिरती रही है। उसका और विवादों का मानो चोली-दामन का साथ रहा है। पाकिस्तान पूर्व कप्तान सलमान बट्ट और तेज गेंदबाजों मोहम्मद आमिर तथा मोहम्मद आसिफ को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद केन्या के खिलाफ पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगा।

जिस दिन इन तीनों खिलाड़ियों को सजा सुनाई गई थी, उस दिन यानी पाँच फरवरी को पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सिरीज का छठा और आखिरी मैच गँवा दिया था।

विश्वकप में पाकिस्तानी टीम एक ऐसी टीम है जिसके बारे में कोई भी भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है। विश्वकप से पहले टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज जीत चुकी है और उसने विश्वकप के अभ्यास मैच में बंगलादेश को 89 रन से हराकर अपने खतरनाक इरादे जता दिए थे, लेकिन अगले ही मैच में उसे इंग्लैंड के हाथों 67 रन से हार का सामना करना पड़ा।

पाकिस्तान ने पिछले एक साल में दस मैच गँवाए हैं जबकि आठ जीते हैं। इसके अलावा विश्वकप टीम के चयन को लेकर और कप्तानी मामले को लेकर भी पाकिस्तानी टीम गलत कारणों से चर्चा में रही है लेकिन इस बार जब पाकिस्तानी टीम मैदान में उतरेगी तो उसका इरादा स्पॉट फिक्सिंग के साथ-साथ सभी बुरी यादों को भुलाकर मैदान पर एकजुट होकर जबरदस्त प्रदर्शन करना होगा।

हालाँकि पाकिस्तानी टीम को हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 10 विकेट के करारी शिकस्त झेलने वाली केन्याई टीम के सामने पहले से ही जीत का मजबूत दावेदार माना जा रहा है और पाकिस्तान इस बात का पूरा फायदा उठाकर विश्वकप अभियान की जोरदार शुरुआत करना चाहेगा।

पाकिस्तानी टीम के कोच वकार यूनुस ने भी सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था 'हमारी टीम अब और विवादों में नहीं घिरना चाहती। हम इनसे दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। हालाँकि इस बार विश्वकप में हमारी राह आसान नहीं होगी लेकिन इतिहास गवाह है कि हमारी टीम ने मुश्किल दौर में ही खुद को साबित किया है।'

वकार ने कहा कि हमारे पास एक अच्छी टीम है जो टीम को हराने की काबिलियत रखती है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि कोई भी मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग के बारे में सोच रहा है। जो कुछ हुआ वह अब बीते समय की बात हो गई है। अब हमारा लक्ष्य टूर्नामेंट में 1992 का इतिहास दोहराकर खिताब जीतने पर है।

पाकिस्तानी टीम का विश्वकप इतिहास भी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। टीम ने जहाँ 1992 में इंग्लैंड को हराकर विश्वकप खिताब जीतकर सभी को चौंका दिया था वहीं टीम चार वर्ष पहले विश्वकप में आयरलैंड के हाथों हारकर पहले ही दौर में बाहर हो गई थी और उसके कुछ ही देर बाद टीम के कोच बॉब वूल्मर का निधन हो गया था।

केन्या के खिलाफ मैच में पाकिस्तानी टीम के प्रतिभाशाली बल्लेबाजी क्रम के पास खुद को लय में लाने का मौका होगा ताकि वे मजबूत टीमों के खिलाफ मैच के लिए तैयार हो सकें। कप्तान शाहिद आफरीदी को इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में विश्राम दिया गया था लेकिन वह केन्या के खिलाफ मैदान में उतकर अपना जलवा बिखेरने को तैयार हैं।

पाकिस्तानी टीम को इसके बाद श्रीलंका, गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से भिड़ना है इसलिए केन्या के खिलाफ उलटफेर उसके लिए बहुत भारी साबित हो सकता है। (वार्ता)

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