नासिकाग्र दृष्टि मुद्रा योग

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
गुरुवार, 3 मई 2012 (14:16 IST)
FILE
नासिकाग्र का अर्थ होता है नाक का आख‍िरी छोर, ऊपरी हिस्सा या अग्रभाग। इस भाग पर बारी-बारी से संतुलन बनाने हुए देखना ही नाकिकाग्र मुद्रा योग कहलाता है। लेकिन यह मुद्रा करने से पहले योग शिक्षक की सलाह जरूर लें, क्योंकि इसके करने से भृकुटी पर जोर पड़ता है।

मुद्रा की विधि- किसी भी आसन में बैठकर नाक के आखिरी सिरे पर नजरे टिका लें। हो सकता है कि पहले आप बाईं आंखों से उसे देख पाएं तब कुछ देर बाद दाईं आंखों से देखें। इस देखने में जरा भी तनाव न हो। सहजता से इसे देखें।

अवधि- इस मुद्रा को इतनी देर तक करना चाहिए कि आंखों पर इसका ज्यादा दबाव नहीं पड़ें फिर धीरे-धीरे इसे करने का समय बढ़ाते जाएं।

इसका लाभ- इससे जहां आंखों की एक्सरसाइज होती है वहीं यह मस्तिष्क के लिए भी लाभदायक है। इससे मन में एकाग्रता बढ़ती है। इस मुद्रा के लगातार अभ्यास करने से मूलाधार चक्र जाग्रत होने लगता है जिससे कुण्डलीनी जागरण में मदद मिलती है। इससे मूलाधार चक्र इसलिए जाग्रत होता है क्योंकि दोनों आंखों के बीच ही स्थित है इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ी जो मूलाधार तक गई है।
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.