शिवसेना : क्षेत्रवाद और हिन्दुत्व के गर्भ से जन्मी राजनीतिक पार्टी

Webdunia
शनिवार, 5 फ़रवरी 2022 (19:21 IST)
महाराष्ट्र के स्थानीय लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए बाला साहेब ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना की नींव रखी थी। ठाकरे मूल रूप से कार्टूनिस्ट थे और राजनीतिक विषयों पर तीखे कटाक्ष करते थे। शिवसेना यूं तो कई राज्यों में सक्रिय है, लेकिन इसका राजनीतिक प्रभाव महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा है। तक ही सीमित है।
 
वर्तमान में इसके प्रमुख बाला साहेब के पुत्र उद्धव ठाकरे प्रमुख हैं। शिवसेना का चुनाव चिह्न धनुष-बाण है, जबकि प्रतीक चिह्न बाघ है। शिवसेना की पहचान हिन्दूवादी राजनीतिक दल के रूप में है। वर्ष 2018 के अंत में उद्धव ने अयोध्या में रामलला के दर्शन कर राम जन्मभूमि मुद्दे को हवा दी थी। इस समय उद्धव महाराष्ट्र की की अघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री हैं। इस गठबंधन में शिवसेना के अलावा राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। 
 
शिवसेना के गठन के समय बाला साहेब ठाकरे ने नारा दिया था, 'अंशी टके समाजकरण, वीस टके राजकरण'। अर्थात 80 प्रतिशत समाज और 20 फीसदी राजनीति। 'भूमिपुत्र' (स्थानीय निवासी) के मुद्दे को लंबे समय तक समर्थन नहीं मिलने से शिवसेना ने हिन्दुत्व के मुद्दे को अपना लिया, जिस पर वह अब तक कायम है।
 
शिवसेना ने पहला चुनाव 1971 में लड़ा था लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। 1989 के लोकसभा चुनाव में पहली बार शिवसेना का सांसद चुना गया। महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव शिवसेना ने पहली बार 1990 में लड़ा जिसमें उसके 52 विधायक चुनकर आए।
 
पार्टी के पास 16वीं लोकसभा में 18 सांसद और राज्यसभा में तीन सांसद हैं। शिवसेना के दो नेता मनोहर जोशी और नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हालांकि नारायण राणे अब शिवसेना से अलग हो चुके हैं। मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर भी लंबे समय से शिवसेना का कब्जा है। 
 
पार्टी ने भाजपा के साथ 1989 में गठबंधन किया जो अब टूट चुका है। 2014 का विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने अलग होकर लड़ा था। उसके बाद से ही दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे। हिन्दुत्ववादी विचारधारा के चलते ही भाजपा-शिवसेना का गठबंधन सामने आया था, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के बाद यह गठबंधन टूट गया।
 
दरअसल, इस चुनाव के बाद शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा कर रही थी, जबकि भाजपा को यह मंजूर नहीं था। 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में शिवसेना के 18 सांसद चुनकर आए थे। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Chandrayaan-3 को लेकर ISRO का बड़ा खुलासा, क्या सच होगा आशियाने का सपना

Disha Salian Case से Maharashtra में सियासी भूचाल, अब नारायण राणे का बयान, उद्धव ठाकरे का 2 बार आया कॉल

Airlines ने लंदन हीथ्रो Airport पर फिर शुरू कीं उड़ानें, आग लगने से 18 घंटे बाधित था परिचालन

नागपुर हिंसा पर CM फडणवीस का नया बयान, दंगाइयों से होगी नुकसान की वसूली, नहीं चुकाने पर चलेगा बुलडोजर

Microsoft और Google को टक्कर देने की तैयारी में मोदी सरकार, बनाएगी Made in India वेब ब्राउजर

सभी देखें

नवीनतम

MCD महापौर मामले में AAP ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

भूपेंद्र पटेल सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा, हर्ष संघवी को गृह और कनुभाई देसाई को मिला वित्त विभाग, जानिए किसे कौनसा मंत्रालय मिला

भूपेन्द्र पटेल दूसरी बार बने गुजरात के मुख्‍यमंत्री, एक महिला मंत्री ने भी ली शपथ

Gujarat : गांधीनगर में कल भूपेंद्र पटेल का शपथ ग्रहण, PM मोदी भी रहेंगे मौजूद, ये विधायक ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

हिमाचल में प्रतिभा सिंह के 'हाथ' से कैसे फिसल गई CM की कुर्सी?

अगला लेख