देश की आधी आबादी नारी शक्ति यानी महिला वर्ग के लिए यह साल मिला-जुला कहा जा सकता है। महिलाओं के कारक ग्रह शुक्र की स्थिति वर्षारंभ में कुंभ पर होकर मंगल केतु के प्रभाव में है।
सेक्स स्कैंडल, महिलाओं से जुड़े अपराधों की कमी दिखाई नहीं देगी, न ही उनके लिए कानून सख्त नजरिया रख पाएगा। साल के प्रारंभ में शुक्र पर राहु की नजर भी स्त्री पक्ष के लिए ठीक नहीं होगी।
नवयुवतियों को दोस्ती सोच-समझकर करना होगी। जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाने से परहेज करना होगा। शनि का वर्ष है और शनि स्त्रीपक्ष को हानि करता है।
28 जनवरी से शुक्र की स्थिति उच्च की होगी व 4 मार्च तक मार्गी रहेगी। इस समयावधि में महिलाओं को हर कार्यों में सफलता मिलेगी, वहीं देश की नारी शक्ति आर्थिक दृष्टि से सबल होगी।
रोजगार के अवसर आएंगे। अविवाहिताओं के लिए शुभ संकेत हैं। शुक्र 5 मार्च से उच्च होकर वक्र स्थिति में 15 अप्रैल तक रहेगा। इस समय किसी के प्रलोभन में न आएं, न ही कोई अनुचित कदम उठाएं। शुक्र 16 अप्रैल से उच्च की स्थिति में होकर मार्गी होगा, जो 31 मई तक रहेगा। इस समय पिछली चल रही परेशानियां दूर होंगी। विशेष वक्र स्थिति में वृषभ व तुला राशि वालों को ध्यान रखना होगा।