प्रधानमंत्री मोदी के लिए कैसे हैं नए साल के सितारे

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में लग्न से शनि का जो साया पिछले ढाई साल से मंडरा रहा था, वह 26 जनवरी के बाद से दूर होगा। जो विरोध अब तक चला आ रहा था, वह भी धीरे-धीरे दूर होगा।

अभी तक की मानसिक अशांति दूर होगी। मंगल का प्रभाव बढ़ेगा, जो अब तक शनि ने दबा रखा था। शनि का गोचरीय भ्रमण 26 जनवरी के बाद से धनु पर द्वितीय भाव से होगा इससे जनता के बीच लोकप्रियता में वृद्धि होगी। देश की राजनीति में फर्क स्पष्ट नजर आएगा। 
 
स्वास्थ्य बेहतर रहेगा व पहले से ज्यादा स्वस्थ व स्फूर्तिवान नजर आएंगे। वर्तमान में जिस आर्थिक भूचाल के लिए मोदी जी को जिम्मेदार माना जा रहा है वह गुरु के   कन्या राशि में होने से तथा पंचम भाव पर राहु की दृष्टि पड़ने से आया। 16 सितंबर के बाद गुरु के तुला में आने से माहौल आशावादी और सुधारजनक रहेगा। राजनीतिक मसले हल होने की संभावना बढ़ जाएगी। 
 
शत्रुपक्ष पर प्रभाव बढ़ेगा, वहीं बाहरी शत्रुओं से निजात पाने में सक्षम होंगे। विदेश संबंधी मामलों में संभलकर चलना होगा। मोदी जी की नीति में रोजगारोन्मुखी रूझान स्पष्ट नजर नहीं आएगा। स्त्रियों के मामलों में भी कोई बहुत ज्यादा सकारात्मक माहौल नहीं रहेगा। शनि का गोचरीय भ्रमण वाणी भाव से सम होने की वजह से वाणी का प्रभाव और वर्चस्व बढ़ेगा। 

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