वर्ष 2022 ने प्रवेश किया है 'कालसर्प योग' में, सतर्क रहें 4 राशि वाले

Webdunia
शनिवार, 1 जनवरी 2022 (16:15 IST)
जिस समय वर्ष 2022 की शुरुआत हुई उस समय ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति ऐसी थी कि कालसर्प योग की‍ स्थिति बनी। इसीलिए कई ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि नए वर्ष का प्रारंभ कालसर्प योग में हुआ है। ऐसे में ऐसा माना जा रहा है कि 4 राशि वालों को सतर्क रहने की जरूरत है। कुंडली ज्योतिष के मुताबिक 2022 में अप्रैल में कई बड़े ग्रह लंबे समय के बाद राशि बदल रहे हैं। अप्रैल में गुरु, शनि और राहु-केतु राशि बदल रहे हैं। राहु वृषभ और केतु वश्‍चिक में गोचर करेंगे।
 
 
शुक्रवार 31 दिसंबर सुबह 5 बजे से कालसर्प योग की शुरुआत हुई थी जो अगले वर्ष 2022 तक रही। कालसर्प दोष चंद्रमा से खंडित होता है। जब भी चंद्रमा राहु के आगे निकलेंगे, तो कालसर्प योग खंडित होगा। खंडित होने के कारण इसका असर कम होता। अब कालसर्प योग 13 जनवरी को एक बार फिर से खंडित हो जाएगा। जो 14 से 15 दिनों तक खंडित रहेगा और फिर यह योग गुरुवार, 27 जनवरी से पुन: प्रारंभ हो जाएगा, जो रविवार, 24 अप्रैल 2022 तक रहेगा। जिसके बाद यह पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा। ऐसे में वर्ष की शुरुआत में 4 राशिया इससे ज्यादा प्रभावित होगी।
 
1. वृषभ (Taurus): आपकी राशि के लिए कालसर्प योग मुश्किलें खड़ी कर सकता है। आपको घटना-दुर्घटना से सावधान रहना होगा। माता की सेहत का ध्‍यान रखना होगा। खानपान में भी सावधानी रखना होगी और माता कालिका की पूजा करें।
 
2. कन्या (virgo): आपके लिए यह योग विष के समान माना जा रहा है, लेकिन यदि आप नशा नहीं करते हैं तो डरने की जरूरत नहीं है। आप खानपान को लेकर सावधान रहे और सिर्फ अपने कार्य पर ही फोकस रखें और माता दुर्गा की पूजा करें।
 
3. वृश्चिक (Scorpio) : आपके लिए यह स्थिति मन की बेचैनी और भावना को बढ़ा सकती है। डिप्रेशन आप पर हावी हो सकता है। आपको मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए धार्मिक कार्य करना चाहिए या ध्यान करना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
 
4. मीन (Pisces) : आपके लिए यह स्थिति उथल-पुथल वाली रह सकती है। कोई ऐसी घटना हो सकती है जिसके चलते आपका दिल और दिमाग हिल जाएगा। इससे बचने के लिए आप धैर्य से काम लें, माथे पर केसर का तिलक लगाते रहें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
 
सभी के लिए उपाय : 24 अप्रैल तक सभी सतर्क रहें। हनुमान चालीसा का पाठ करते रहें। शिव-पंचाक्षर स्त्रोत का नियमित पाठ करें। लाल चन्दन, अपामार्ग और दारुहल्दी को लौंग कपूर-घी के साथ मिलकर पूरे घर में धूनी दें। किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तु का सेवन न करें और बुरे कर्मों से दूर रहें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष, सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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