नया साल और आपकी सेहत के सितारे

सेहत की दृष्टि से कैसा होगा नया साल

Webdunia
ND

- पं. सुरेश कौशल

नए वर्ष में स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है क्योंकि स्वस्थ रहेंगे तभी तो नए साल में बेहतर कर पाएंगे। उत्तम सेहत के लिए आवश्यक एस्ट्रो टिप्स, चेतावनियां और सावधानियां बता रहे हैं सुविख्यात ज्योतिषी पं.सुरेश कौशल :

मेष
जून माह तक उत्तम स्वास्थ्य पर वजन में वृद्धि। ऐसे में व्यायाम जरूरी। मांसाहार व मद्यपान से जून तक रक्तचाप में वृद्धि की आशंका। मार्च से अगस्त तथा सितंबर से वर्षांत तक मधुमेह, नेत्र रोग व हारमोंस की प्रक्रिया में परिवर्तन। अतः मीठा खाने, वजन बढ़ने, अत्यधिक भोग-विलास, आर्थिक-पारिवारिक व प्रेम-संबंधों के तनाव से मधुमेह में वृद्धि के प्रति सचेत रहें। फरवरी से जुलाई तक मधुमेह, गुर्दे, नेत्र, रीढ़ तथा गले के रोगों का सफल इलाज संभव। जुलाई से वर्षांत तक ज्यादा तले भोजन व मांसाहार से वजन बढ़ने व गले में इन्फेक्शन के प्रति सचेत रहें।

वृषभ
ND
बढ़ते बच्चों की लंबाई में बाधा। चिकित्सक की सलाह पर उनके हारमोंस व थाइराइड आदि की जांच करवाएं। 6-6 रत्ती के मेल तथा चांदी में लहसुनिया तथा सफेद पुखराज या मून स्टोन शुक्रवार के दिन धारण करवाएं। फरवरी से जून तथा अक्टूबर से दिसंबर तक बच्चों-वृद्धों को सांस की तकलीफ, उदर व नेत्र रोगों सहित एलर्जी रहेगी। युवा तथा अधिक आयु के जातकों का जून तक यूरिक एसिड, रक्तचाप, प्रोस्टेट के रोग, जोड़ों के दर्द तथा मधुमेह एवं वायु रोगों से परेशानी। फरवरी से मई तथा अक्टूबर से दिसंबर तक पेट व पाचन संबंधी रोगों से परेशानी। अगस्त से वर्षांत तक हृदयरोगी सावधान रहें। सफेद पुखराज, पन्ना तथा सूर्य नमस्कार, प्राणायाम लाभकारी रहेंगे।

मिथुन
जून तक मानसिक ऊर्जा में वृद्धि। व्यायाम, नियंत्रित जीवनचर्या से उत्तम स्वास्थ्य। अत्यधिक श्रम, व्यायाम या ज्यादा भाग-दौड़ से पीठ, घुटने च गर्दन में दर्द की आशंका। जून उपरांत मांसाहार, मद्यपान, अनियमित भोजन से रक्तचाप, उदर रोग से परेशानी संभव। मसाले व तले भोजन से बचें। जुलाई से वर्षांत तक त्वचा व फेफड़ों के रोगों सहित हर्निया व एलर्जी से परेशानी संभव। जुलाई उपरांत योग, प्राणायाम, हलका व्यायाम जरूरी। एलर्जी की वजह से सूती वस्त्रों का उपयोग जरूरी हो सकता है।

कर्क
असमंजस एवं अनिर्णय से सिरदर्द, रक्तचाप में वृद्धि के संकेत। बच्चों के गले, टॉन्सिल, नाक तथा चोट से पैरों व सिर में वर्ष भर चोट के योग। खिलाड़ियों, सैनिकों व पुलिस सहित चिकित्सा क्षेत्र के जातकों को भी परेशानी संभव। गर्भाशय, उदर व कान के रोगों तथा बवासीर, फोड़े-फुंसियों, बच्चों को खसरा, डेंगू, मलेरिया से सावधानी जरूरी। दुर्गा व शिव उपासना करें, हनुमान चालीसा पढ़ें और बच्चों को गले में मूंगा, मोती धारण करवाएं।

सिंह
जून अंत तक खान-पान में अनुशासन की कमी से वजन, रक्तचाप, खांसी एवं अस्थमा में वृद्धि के योग। घुटने तथा गुदा के रोग जनवरी से 14 अगस्त तक परेशान कर सकते हैं। इस राशि के जातक उदर, पेट एवं हृदय के रोग से विशेष प्रभावित होते हैं। मध्यम आयु से वृद्धावस्था के जातकों को 28 सितंबर से 15 दिसंबर तक सावधान रहना चाहिए। कार्यक्षेत्र एवं अन्य सफलताओं से आत्मबल एवं विश्वास बढ़ा रहेगा।

कन्या
इस राशि के जातक साधारणतः पेट व कान सहित पथरी के रोग से प्रभावित होते हैं। अतः इस वर्ष फरवरी से 21 मई तक पेट, नेत्र, रक्तचाप, स्नायु तथा एलर्जी (हाथ-पैरों में त्वचा रोग) एवं सितंबर माह तक मामूली दुर्घटना से पीठ, कंधों, घुटनों एवं छाती में चोट के योग बने हुए हैं। 28 अगस्त से नवंबर के अंत तक टायफाइड, हर्निया, डेंगू, मधुमेह, कमजोरी तथा मूत्र संबधी समस्याओं के प्रति सावधान रहें। दुर्घटना व तनाव से बचने के लिए पन्ना, सफेद पुखराज व हीरा धारण करें, दुर्गा उपासना आवश्यक।

तुला
राशि के जातक साधारणतः रीढ़, नेत्र, गुर्दे एवं गले के रोगों से प्रभावित होते हैं। जून तक वजन बढ़ने के प्रति सचेत रहें तो स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। वृद्धों को साढ़ेसाती के चलते कैल्सियम रोग परेशान कर सकते हैं। रक्तचाप, पेट, प्रोस्टेट के दीर्घकालीन कैंसर या अन्य रोगों से प्रभावित लोग 17 मई के उपरांत विशेष सावधानी रखें। सावधानी में हलका भोजन, हाथ, पैर व गर्दन की योग-क्रियाएं कपाल-भाति तथा अन्य प्राणायाम अति आवश्यक होंगे। लहसुनिया, हीरा, नीलम धारण करना दीर्घकालीन रोगों से निजात दिलाएंगे।

वृश्चिक
ND
इस राशि के जातक मांसपेशियों, मूत्र, गले, त्वचा, गुर्दे व उदर रोगों से अधिक प्रभावित होते हैं। 15 नवंबर से साढ़ेसाती भी शुरू है। राशि में नीच राहु का भ्रमण हो रहा है। अतः वर्ष में 21 मई तक पेट, नेत्र व गले के रोग विशेष तौर पर परेशान कर सकते हैं। गुर्दे व गले के दीर्घकालीन रोगों व कैंसर एवं प्रोस्टेट में असमंजस एवं देरी से हानि संभव। चिकित्सक के संपर्क में जाने से संकोच न करें। बीमारी में 28 अगस्त के बाद अधिक परेशानी के योग। संतान के इच्छुक जातक 21 मई 2012 से 2015 के मध्य तक ही इस बारे में सोचें। पूरे वर्ष मूंगा, पुखराज तथा लहसुनिया एवं मधुमेह में सफेद पुखराज अथवा हीरा धारण कर सकते हैं।

धनु
जीवन के अन्य क्षेत्रों में उत्तम समय के चलते इस राशि में साधारणतः बीमारियों के कम योग हैं परंतु अत्यधिक-अनियंत्रित भोग-विलास के लिए जगह नहीं है। गुरु की राशि होने से सात्विक जीवनचर्या चाहती है। नेत्र व पेट के रोग और वजन बढ़ने की समस्याओं से दो-चार हो सकते हैं। अतः वर्षारंभ से 21 जून तथा 28 सितंबर से वर्षांत तक इन मामलों में सावधानी रखें। वृद्ध जातक उदर व नेत्र के रोगों के प्रति सचेत रहें। गायत्री, सूर्य, दुर्गा की उपासना तथा पीला पुखराज व पन्ना धारण करना लाभकारी रहेगा।

मकर
इस राशि के जातक सफलता के रास्ते पर चल रहे हैं परंतु जून तक मन, घुटनों, मांसपेशियों, फेफड़ों के रोगों सहित बवासीर व बढ़ते रक्तचाप के प्रति विशेष रूप से और खासकर विदेश या लंबी दूरी की यात्राओं व प्रवास में सावधानी रखनी होगी। नशे, अत्यधिक दवाइयों एवं मांसाहार से गुर्दे व हड्डी व फेफड़े के रोगों में वृद्धि हो सकती है। शिव पूजन, शनि, दुर्गा की उपासना के साथ नीलम व पन्ना धारण करना एवं मांसाहार के बचना शुभ रहेगा।

कुंभ
वर्ष में 21 जून तक मांगलिक जातकों, खिलाड़ियों, पुलिस, सुरक्षा, चिकित्सा, कंधों, गर्दन, गले में चोट, रक्तचाप, जल के कम उपयोग से चक्कर आने तथा वजन बढ़ने की समस्याएं हो सकती हैं। 21 जून से 28 सितंबर तक दुर्घटना, हड्डी रोगों की समस्या रहेगी। इस राशि में विशेष रूप से सिगरेट, नशे अथवा फेफड़ों, मधुमेह, हृदय रोगियों और वृद्धावस्था से जुड़े लोगों पर परेशानी के रूप में देखने को मिल सकती है। नीलम, लहसुनिया तथा हीरा या सफेद पुखराज धारण करना अच्छा हो सकता है। दुर्गा, कृष्ण, मृत्युंजय मंत्र व हनुमान चालीसा लाभकारी।

मीन
15 नवंबर से शनि की ढैय्या आरंभ हुई है। अत्यधिक मछली, मांसाहार, पान-मसाला, तंबाकू व नशीली दवाइयों का उपयोग न करें। असंयम की स्थिति में 21 मई से वर्षांत तक बीमारियां व समस्याएं मारक रूप धारण कर सकती हैं। वृद्ध एवं पुरानी बीमारियों, महिलाओं के लिए यह समय परेशानी का हो सकता है। उदर, सांस की नली, गले व फेफड़ों सहित अस्थमा अपना असर दिखा सकता है। पन्ना, पीला पुखराज व मूंगा धारण करना, 14 अगस्त उपरांत संभव यात्रा टालना, नशे से बचना तथा गायत्री, मृत्युंजय दुर्गा सप्तशती के जाप करना उपाय हो सकता है।

Show comments

Oldest religion in the world: दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौनसा है?

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mahabharat : महाभारत में जिन योद्धाओं ने नहीं लड़ा था कुरुक्षेत्र का युद्ध, वे अब लड़ेंगे चौथा महायुद्ध

Daan punya: यदि आप भी इस तरह से दान करते हैं तो कंगाल हो जाएंगे

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Shani sade sati: कब और किस समय शुरू होगी इन 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती?

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mohini ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत का प्रारंभ और पारण जानें

Lakshmi prapti ke achuk upay: यदि घर की महिला रोज ये काम करें तो घर में मां लक्ष्मी का होगा प्रवेश