नए कपड़े पहनें तीन वार, पढ़ें रोचक शुभ शकुन विचार

Webdunia
कपड़ा पहिरै तीनि बार। बुध बृहस्पत सुक्रवार।
हारे अबरे इतवार। भड्डर का है यही बिचार।।
 
अर्थात नवीन वस्त्र धारण करने के लिए बुध, बृहस्पति और शुक्रवार का दिन विशेष शुभ होता है। अधिक आवश्यकता पड़ने पर रविवार को भी वस्‍त्र धारण किया जा सकता है, ऐसा भड्डरी का विचार है।


 
चलत समय नेउरा मिलि जाय। बाम भाग चारा चखु खाय।।
काग दाहिने खेत सुहाय। सफल मनोरथ समझहु भाय।।
 
अर्थात यदि कहीं जाते समय रास्ते में नेवला मिल जाए, नीलकंठ बाईं ओर चारा मुंह में लिए दिखाई दे और दाहिने ओर खेत में कौवा हो तो जिस कार्य से व्यक्ति निकला है, वह अवश्य सिद्ध होगा।
 
नारि सुहागिन जल घट लावै। दधि मछली जो सनमुख आवै।।
सनमुख धेनु पिआवै बाछा। यही सगुन हैं सबसे आछा।।
 
अर्थात यदि सौभाग्यवती स्त्री पानी से भरा घड़ा ला रही हो, कोई सामने से दही और मछली ला रहा हो या गाय बछड़े तो दूध पिला रही हो तो यह सबसे अच्छा शकुन होता है।
 
पुरुब गुधूली पश्चिम प्रात। उत्तर दुपहर दक्खिन रात।।
का करै भद्रा का दिगसूल। कहैं भड्डर सब चकनाचूर।।
 
अर्थात भड्डरी कहते हैं कि यदि पूर्व दिशा में यात्रा करनी हो तो गोधूलि (संध्या) के समय, यदि पश्चिम में यात्रा करनी हो तो प्रात:काल, यदि उत्तर दिशा में यात्रा करनी हो तो दोपहर में और यदि दक्षिण की ओर जाना है तो रात में निकलना चाहिए। यदि उस दिन भद्रा या दिशाशूल भी है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को कुछ भी नहीं होगा।

गवन समय जो स्वान। फरफराय दे कान।
एक सूद्र दो बैस असार। तीनि विप्र औ छत्री चार।।
सनमुख आवैं जो नौ नार। कहैं भड्डरी असुभ विचार।।
 
अर्थात भड्डरी कहते हैं कि यात्रा पर निकलते समय यदि घर के बाहर कुत्ता कान फटफटा रहा हो तो अशुभ होता है। यदि सामने से 1 शूद्र, 2 वैश्य, 3 ब्राह्मण, 4 क्षत्रिय और 9 स्त्रियां आ रही हों तो अशुभ होता है।
 
भ‍रणि बिसाखा कृत्तिका, आद्रा मघा मूल।
इनमें काटै कूकुरा, भड्डर है प्रतिकूल।।
 
अर्थात भड्डरी का कहना है कि यदि भरणी, विशाखा, कृत्तिका, आर्द्रा और मूल नक्षत्र में कुत्ता काट ले तो बहुत बुरा होता है। 
 
लोमा फिरि फिरि दरस दिखावे। बायें ते दहिने मृग आवै।।
भड्डर जोसी सगुन बतावै। सगरे काज सिद्ध होइ जावै।।
 
अर्थात यात्रा पर जाते समय यदि लोमड़ी बार-बार दिखाई पड़े, हिरण बाएं से दाहिने ओर निकल जाए तो व्यक्ति जिन कार्यों के लिए जा रहा होगा, वे सभी सिद्ध हो जाएंगे, ऐसा ज्योतिषी भड्डरी कहते हैं।
 
सूके सोमे बुधे बाम। यहि स्वर लंका जीते राम।।
जो स्वर चले सोई पग दीजै। काहे क पण्डित पत्रा लीजै।।
 
अर्थात शुक्रवार, सोमवार और बुधवार को बाएं स्वर में कार्य प्रारंभ करने से सफलता मिलती है। राम ने इसी स्वर में लंका जीती थी। यदि बायां स्वर चले तो बायां पैर आगे निकालना चाहिए। दाहिना चले तो दाहिना पैर आगे निकालना चाहिए। इससे कार्य सिद्ध होता है। ऐसा करने वाले व्यक्ति को पंचांग में विचार करने की आवश्यकता नहीं है। 
 
सोम सनीचर पुरुब न चालू। मंगल बुद्ध उत्तर दिसि कालू।
बिहफै दक्खिन करै पयाना। नहि समुझें ताको घर आना।।
बूध कहै मैं बड़ा सयाना। मोरे दिन जिन किह्यौ पयाना।।
कौड़ी से नहिं भेट कराऊं। छेम कुसल से घर पहुंचाऊं।।
 
अर्थात यदि यात्रा पर जाना हो तो सोमवार और शनिवार को पूर्व, मंगल और बुध को उत्तर दिशा में नहीं जाना चाहिए। यदि व्यक्ति बृहस्पति को दक्षिण दिशा की यात्रा करेगा तो उसका घर लौटना संदिग्ध होगा। बुधवार कहता है कि मैं बहुत चतुर हूं, व्यक्ति को मेरे दिन कहीं भी यात्रा नहीं करनी चाहिए; क्योंकि मैं उसको एक कौड़ी से भी भेंट नहीं होने दूंगा। क्षेम-कुशल से उसको घर पहुंचा दूंगा।
Show comments

Oldest religion in the world: दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौनसा है?

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mahabharat : महाभारत में जिन योद्धाओं ने नहीं लड़ा था कुरुक्षेत्र का युद्ध, वे अब लड़ेंगे चौथा महायुद्ध

Daan punya: यदि आप भी इस तरह से दान करते हैं तो कंगाल हो जाएंगे

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Shani sade sati: कब और किस समय शुरू होगी इन 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती?

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mohini ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत का प्रारंभ और पारण जानें

Lakshmi prapti ke achuk upay: यदि घर की महिला रोज ये काम करें तो घर में मां लक्ष्मी का होगा प्रवेश