गुरु हुए अस्त, 7 दिसंबर को होंगे उदय, नहीं हो सकेंगे शुभ कार्य

पं. हेमन्त रिछारिया
हमारे शास्त्रों में गुरु व शुक्र का उदय व अस्त होना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। गुरु एवं शुक्र के अस्त स्वरूप होने पर सभी प्रकार के शुभ कार्यों जैसे विवाह, नामकरण, मुंडन, व्रतारंभ, व्रत-उद्यापन, गृहप्रवेश आदि का निषेध रहता है। 
 
शुक्र वैभव- विलासिता के नैसर्गिक कारक माने जाते हैं वहीं गुरु बुद्धि-विवेक के कारक हैं। बृहस्पति को नवग्रहों में देवताओं के गुरु की पदवी प्राप्त है। इस माह गुरु अस्त होने जा रहे हैं गुरु के अस्त होने के कारण सभी प्रकार के शुभ कार्य निषिद्ध रहेंगे। आइए जानते हैं कि गुरु के अस्त-उदय काल क्या हैं-
 
अस्त-
 
-दिनांक 12-11-2018 दिन सोमवार कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी से गुरु का तारा पश्चिम में अस्त हो गया है।
 
उदय-
 
-दिनांक 7-12-2018 दिन शुक्रवार मार्गशीर्ष अमावस्या को गुरु का तारा पूर्व में उदय होगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
संपर्क: astropoint_hbd@yahoo.com 

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