margashirsha month : 12 दिसंबर तक रहेगा अगहन मास, इसमें आ रही है कालभैरव अष्टमी और दत्त पूर्णिमा

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बुधवार, 13 नवंबर से नया हिन्दी माह अगहन शुरू हो गया है। गुरुवार, 12 दिसंबर तक हिन्दी महीना अगहन मास रहेगा। इसे मार्गशीर्ष मास भी कहते हैं। इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है। इन दिनों में श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। जानिए इस माह में किस तिथि पर कौन से शुभ काम किस दिन किए जा सकते हैं। 
 
मंगलवार, 19 नवंबर को कालभैरव अष्टमी है। भगवान कालभैरव के लिए विशेष पूजा-पाठ किए जाते हैं।
 
शुक्रवार, 22 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं। एकादशी पर विष्णुजी के अवतारों की पूजा करने की परंपरा है।
 
मंगलवार, 26 नवंबर को अगहन मास की अमावस्या तिथि है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है।
 
शनिवार, 30 नवंबर को विनायकी चतुर्थी है। इस दिन गणेशजी के लिए पूजा-पाठ करनी चाहिए।
 
रविवार, 1 दिसंबर को श्रीराम और सीता का विवाह उत्सव है। इसे विवाह पंचमी कहते हैं। इस दिन श्रीराम और सीता की पूजा करनी चाहिए। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
 
रविवार, 8 दिसंबर को अगहन मास की एकादशी है। इसे मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन गीता जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस तिथि पर गीता का पाठ करना चाहिए और श्रीकृष्ण का पूजन करें।
 
बुधवार, 11 दिसंबर को अगहन मास की पूर्णिमा है, इसे दत्त पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा करनी चाहिए।
 
गुरुवार, 12 दिसंबर को स्नान दान की पूर्णिमा है और अगहन मास का अंतिम दिन है। इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और दान करना चाहिए।

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