मंगलवार के दिन आने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि, अत्यंत पवित्र तिथि मानी गई है। इस दिन विशेष तौर पर पितरों की शांति के उपाय किए जाते हैं।
मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों का पूजन-अर्चन करने से मनुष्य पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है तथा पितृ भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान तथा दान देने का भी खास महत्व है।
आगे जानिए क्या करें अमावस्या के दिन...
* हर अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें।
* 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें तथा पितृसूक्त का पाठ करना शुभ फल प्रदान करता है।
* प्रत्येक अमावस्या को दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। पितृस्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
* अमावस्या के दिन सूर्यदेव को तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य देना फलदायी माना जाता है।