चूड़ी, पायल, बिछिया सिर्फ सुहाग की सामग्री नहीं है, वैज्ञानिक कारण हैं इनके पीछे, जानकर अचरज होगा आपको

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गहनों का वैज्ञानिक महत्व
 
 स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं लेकिन प्रकृति ने दोनों के स्वरूप अलग बनाए हैं, मन से, तन से वह पुरुष से भिन्न है। स्त्री संवेदनशील होती है। तुलनात्मक रूप से पुरुष कठोर। बाह्य स्वरूप के हिसाब से भी उनकी प्रकृति भिन्न है। उनमें हारमोंस के उतार-चढाव का काफी प्रभाव होता है। 
 
प्राचीन ऋषियों ने कुछ ऐसे साधन निर्मित किए जिनसे उनके मन और स्वास्थ्य की रक्षा हो सके। प्रचलन बढ़ने पर इनको सुन्दर गहनों का रूप मिलने लगा और यह नियमपूर्वक पहने जाने लगे। आइए जानते हैं क्या हैं फायदे इन आभूषणों के. ..   
 
स्वर्ण आभूषण गर्मी और चांदी के गहने ठंड का असर करते हैं। कमर के ऊपर के अंगों में सोने के गहने और कमर से नीचे के अंग में चांदी के आभूषण पहनने चाहिए... यह नियम शरीर में गर्मी और शीतलता का संतुलन बनाए रखता है। 

चूड़ी पहनने के फायदे
 
चूड़ी कलाई की त्वचा से घर्षण करके हाथों में रक्त संचार बढाती है। यह घर्षण ऊर्जा भी पैदा करता है जो थकान को जल्दी हावी नहीं होने देता। 
 
कलाई में गहने पहनने से श्वास रोग, ह्रदय रोग की संभावना घटती है। चूड़ी मानसिक संतुलन बनाने में सहायक है।
 
चटकी हुई या दरार पड़ी हुई चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढती है। 
 
लाल रंग और हरे रंग की चूड़ियां सबसे अच्छे असर वाली मानी जाती हैं। 
 
बिछिया पहनने के फायदे
 
विवाहित महिलाएं पैरों में बीच की 3 अंगुलियों में बिछिया पहनती है। यह गहना सिर्फ साज-श्रृंगार की वस्तु नहीं है। दोनों पैरों में बिछिया पहनने से महिलाओं का हार्मोनल सिस्टम सही रूप से कार्य करता है, बिछिया पहनने से थाइराइड की संभावना कम हो जाती है।
 
बिछिया एक्यूप्रेशर उपचार पद्धति पर कार्य करती है जिससे शरीर के निचले अंगों के तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां सबल रहती हैं। 
 
बिछिया एक खास नस पर प्रेशर बनाती है जोकि गर्भाशय में समुचित रक्तसंचार प्रवहित करती है। इस प्रकार बिछिया औरतों की गर्भधारण क्षमता को स्वस्थ रखती है। 
 
मछली की आकार की बिछिया सबसे असरदार मानी जाती है। मछली का आकार मतलब बीच में गोलाकार और आगे-पीछे कुछ नोकदार सी। 

 पायल पहनने के फायदे
 
पायल पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित रखती है। 
 
पायल महिलाओं के पेट और निचले अंगों में वसा (फैट) बढ़ने की गति को रोकती है। 
 
वास्तु के अनुसार पायल की छनक निगेटिव ऊर्जा को दूर करती है। 
 
चांदी की पायल पैरों से घर्षण करके पैरों की हड्डियां मजबूत बनाती हैं। 
 
 पैर में पायल पहनने से महिला की इच्छा-शक्ति मजबूत होती है। यही वजह है कि औरतें अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बिना पूरी लगन से परिवार के भरण-पोषण में जुटी रहती हैं। 
 
पैरों में हमेशा चांदी की पायल पहनें। सोने की पायल शारीरिक गर्मी का संतुलन खराब करके रोग उत्पन्न कर सकती है। 

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