भद्रा में रक्षासूत्र बांधने से हो सकती है परेशानी

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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जब भी कोई त्योहार काल पर चौघड़िए तथा पाप ग्रहों से संबंधित काल की बेला में निषेध समय दिया जाता है, वह समय शुभ कार्य के लिए त्याज्य होता है। 
 

अत: रक्षाबंधन का पावन पर्व शास्त्रोक्त विधि से मनाना चाहिए। भद्रा दोष निवारण के लिए जिस दिन भद्रा हो और परम आवश्यक परिस्थितिवश कोई शुभ कार्य करना ही पड़े तो उस दिन उपवास करना चाहिए। 
 
निर्णय सिंधु के अनुसार 'भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनीष' अर्थात भद्रा में रक्षाबंधन बांधने से प्रजा का अशुभ होता है और होलिका दहन करने से राजा के लिए अशुभ होता है।








 

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