जन्म नाम व प्रचलित नाम में से कौन सा शुभ और प्रामाणिक है?

पं. हेमन्त रिछारिया
जनमानस में नाम को लेकर अक्सर यह संशय रहता है कि किस नाम को मान्यता दी जाए, जन्मनाम को या प्रचलित नाम को। ऐसा तब होता है जब जातक का जन्मनाम व प्रचलित नाम अलग-अलग होता है। शास्त्रोक्त मान्यता है कि जन्मनाम को प्रचारित ना किया जाए क्योंकि इससे जातक के आयुष्य का क्षय होता है। इसका स्पष्ट उदाहरण हमें रामायण में देखने को मिलता है जहां भगवान राम का जन्मनाम पूर्णतया लुप्त है। आपमें से बहुत ही कम लोग इस तथ्य से परिचित होंगे कि भगवान राम का जन्मनाम 'हिरण्याभ' है। 

ALSO READ: कैसे बन सकती है भारत की जन्मपत्रिका ? तार्किक विश्लेषण
 
भगवान राम का जन्म नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में हुआ था। पुष्य नक्षत्र अन्तर्गत कर्क राशि अनुसार भगवान का नाम 'हिरण्याभ' सुनिश्चित हुआ। जिसे शास्त्रोक्त निर्देशानुसार प्रचारित नहीं किया गया। इस मान्यता के अनुसार जातक की जन्मराशि के अनुसार ही नाम का निर्धारण किया जाना चाहिए। जन्म के समय चन्द्र जिस राशि में स्थित होता है वही जातक की जन्मराशि होती है। नक्षत्र चरण अनुसार नामाक्षर का निर्धारण किया जाता है। इसी नामाक्षर से जातक का नामकरण किया जाना उचित है किन्तु जन्मनाम को प्रचारित किया जाना वैदिक परम्परा में निषिद्ध है।

अत: हमारे मतानुसार कोई अन्य नाम जो जातक की जन्मराशि व नामाक्षर से सम्बन्धित हो उसे प्रचलित नाम के रूप में रखा जाना उचित है। इससे जातक की राशि में परिवर्तन नहीं होता किन्तु यदि जन्मनाम व प्रचलित नाम की राशियां अलग-अलग हों तो ऐसी स्थिति में जन्मनाम से ही विवाह, मूहूर्त, साढ़ेसाती, ढैय्या, व गोचर इत्यादि का विचार किया जाना चाहिए।

ALSO READ: प्राण देने वाले की प्रतिमा में 'प्राण प्रतिष्ठा' आप कैसे कर सकते हैं?
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख