rashifal-2026

हाथों में कड़ा पहनने के 3 नुकसान और 3 फायदे

अनिरुद्ध जोशी
कड़ा


पीतल, तांबे या लोहे का कड़ा कलाई में पहनने का प्रचलन सदियों से रहा है। कड़ा पहनने के फायदे हैं लेकिन यदि इसे नियम से नहीं पहना जाए तो नुकसान भी है। आओ जानते हैं 5 फायदे और पांच नुकसान
 
जानिए 3 नुकसान
1. धार्मिक कड़ा पहनने के नियम उसी तरह हैं जिस तरह की यज्ञोपवीत पहनने के नियम हैं। बहुत से लोग कड़ा पहनने के बाद किसी भी प्रकार का नशा करते हैं या अन्य कोई अनैतिक कार्य करते हैं तो इससे उसको नुकसान होगा।
 
2. लोहे का कड़ा, स्टील का कड़ा या जर्मन का कड़ा पहना है तो यह शनि का कड़ा माना जाएगा। इसके फायदे भी हैं और नुकसान भी। शनि कुंडली में कहीं भी होगा तो वह पराक्रम में माना जाएगा। पराक्रम में यदि पहले से चंद्र या शनि के शत्रु ग्रह है तो नुकसान होगा।
 
3. इसी तरह सोने का कड़ा सूर्य, तांबें का कड़ा मंगल का, चांदी का कड़ा चंद्र का और पीतल का कड़ा गुरु का होगा। अत: किसी ज्योतिष से पूछकर ही कड़ा पहने अन्यथा सूर्य और गुरु बुरे फल दे सकते हैं।
 
जानिए 3 फायदे 
 
1. कुछ लोग पीतल और तांबे का मिश्रित कड़ा पहनते हैं। ऐसी मान्यता है कि पीतल से गुरु, तांबे से मंगल और चांदी से चंद्र बलवान होता है।
 
2. कड़ा हनुमानजी का प्रतीक है। पीतल और तांबा मिश्रित धातु का कड़ा पहनने से सभी तरह के भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति की रक्षा होती है।  
 
3. हाथ में कड़ा धारण करने से कई तरह की बीमारियों से भी रक्षा होती है। जो व्यक्ति बार-बार बीमार होता है उसे सीधे हाथ में अष्टधातु का कड़ा पहनना चाहिए। मंगलवार को अष्टधातु का कड़ा बनवाएं। इसके बाद शनिवार को वह कड़ा लेकर आएं। शनिवार को ही किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर कड़े को बजरंग बली के चरणों में रख दें। अब हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद कड़े में हनुमानजी का थोड़ा सिंदूर लगाकर बीमार व्यक्ति स्वयं सीधे हाथ में पहन लें।
 
ध्यान रहे, यह कड़ा हनुमानजी का आशीर्वाद स्वरूप है अत: अपनी पवित्रता पूरी तरह बनाए रखें। कोई भी अपवित्र कार्य कड़ा पहनकर न करें अन्यथा कड़ा प्रभावहीन तो हो ही जाएगा, साथ ही इसकी आपको सजा भी मिलेगी।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

'आकाशीय रिकॉर्ड' विद्या क्या है, जानिए कैसे करती है ये आपकी समस्याओं का समाधान?

Lohri Festival: लोहड़ी का पर्व कब है?

Year Ender 2025: वर्ष 2025 की 12 प्रमुख धार्मिक घटनाएं

Paus Amavasya 2025 पौष मास की अमावस्या का महत्व और व्रत के 5 फायदे

Guru Mmithun Gochar 2025: गुरु का मिथुन राशि में गोचर, 3 राशियों को रहना होगा संभलकर

सभी देखें

नवीनतम

17 December Birthday: आपको 17 दिसंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 17 दिसंबर, 2025: बुधवार का पंचांग और शुभ समय

Budh Pradosh Vrat Date: बुध प्रदोष व्रत पर जानें महत्व, पूजा विधि और 5 फायदे

बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों को वर्ष 2026 में रहना होगा संभलकर

Magh Mela 2026: माघ मेला जा रहे हैं तो जानिए क्या करें और क्या नहीं

अगला लेख