ग्रहण काल में जन्मे बच्चे पर क्या होगा असर और क्या हैं उसके उपाय?

अनिरुद्ध जोशी
धरती पर बहुत से लोग हैं जिनका जन्म अशुभ योग, अमावस्या या ग्रहण काल में होता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उक्त जातक का संपूर्ण जीवन ही खराब रहेगा या अशुभ रहेगा। ग्रहण काल में जन्म हुआ है तो यह भी देखा जाता है कि उस समय तिथि, नक्षत्र, वार और लग्न क्या है। संपूर्ण ग्रह नक्षत्रों को आधार बनाकर ही तय होता है कि जातक का भविष्य क्या होगा। यदि किसी बच्चे का ग्रहण काल में जन्म हुआ है तो यह उपाय कर सकते हैं।
 
 
यदि किसी जातक का जन्म ग्रहणकाल अर्थात सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण या अन्य किसी ग्रहण में हुआ है तो उसे व्याधि, कष्ट, दरिद्रता और मृत्यु का भय हो सकता है।
 
 
उपाय- ग्रहणकाल के जन्म की शांति के उपाय किसी पंडित के सानिध्य में विधिपूर्वक पूर्ण करें। इसके अलावा राहु और केतु का दान करते रहें।
 
हालांकि पंडित बताते हैं कि जिसका जन्म ग्रहणकाल में होता है उसे ग्रहण नक्षत्र के स्वामी तथा सूर्यग्रहण में सूर्य की तथा चंद्रग्रहण में चंद्रमा की मूर्ति बनाएं। सूर्य की प्रतिमा सोने की, चंद्रमा की प्रतिमा चांदी तथा राहु की प्रतिमा सीसे की बनाएं। इन ग्रहों के प्रिय वस्तु्ओं का दान करना चाहिए। फिर हवन किया जाता है परंतु नक्षत्र स्वामी के लिए पीपल की समिधा का इस्तेमाल करें। कलश के जल से जातक का अभिषेक करें और किसी योग्य ब्रह्मण को भोजन कराएं। इससे ग्रहणकाल में जन्म दोष दूर हो जाता है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि कब रहेगी, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त?

पर्स में रखें ये 5 चीजें, कभी नहीं होगी धन की कमी बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

बुध ग्रह मीन राशि में अस्त, 3 राशियां रहेंगी मस्त

बुध हुए मीन राशि पर अस्त, जानें 5 राशियों पर क्या होगा असर

क्यों खास होता है गुड़ी पड़वा का पर्व? जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य

सभी देखें

नवीनतम

21 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

21 मार्च 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Lal Kitab Astrology Tips: टेंशन दूर करना हो तो रात को तकिए के पास एक चीज रखकर सोएं

सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि ग्रह जाने वाले हैं मीन राशि में, 6 राशियों के जीवन में होगा कुछ बड़ा बदलाव

Weekly Muhurat: मार्च 2025 के नए सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें व्रत-त्योहार एवं ग्रह गोचर

अगला लेख