दीपावली पर कैसे होगी मनोकामना पूर्ति, अवश्य पढ़ें

पं. उमेश दीक्षित
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दीपावली पर करें ये विशेष साधना 
 

 
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए दीपावली से अच्छा, मुहूर्त दूसरा नहीं होता अत: निम्न प्रकार से साधना कर अपना दैन्य नाश कर सकते हैं।

आगे पढ़ें 5 सरल उपाय एवं मंत्र 
 

 

 


(1) महालक्ष्मी यंत्र स्थापित कर कमल गट्टे की माला चढ़ाएं। सामने कमल पुष्प, सीताफल, ईख, पंचमेश इत्यादि चढ़ाकर गौघृ्‍त या सरसों के तेल का चौमुखा दीया लगाकर 'श्री महालक्ष्म्यै नम:' मंत्र से यथाशक्ति, यथा ज्ञानपूर्वक पूजन करें तथा कमल गट्टे की माला से 21-51-108-1008 माला जपें तथा शुद्ध घी से 1 माला हवन करें। सभी चढ़ाई हुई वस्तुएं लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रखें तथा यंत्र की नित्य पूजन करें। वर्षभर समृद्धि बनी रहेगी।

 
 
 


 


(2) अष्टलक्ष्मी यंत्र रक्तवर्ण वस्त्र पर स्थापित कर पूर्व की तरह पूजन कर 'ॐ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे, अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नौ लक्ष्मी प्रचोदयात्' मंत्र का यथाशक्ति जप कर पूर्व की तरह ही हवन करें या दक्षिणावर्ती शंख स्थापित कर उस पर केसर से स्वास्तिक बनाकर 'श्रीं' लिखें तथा सामने पूजन कर 5 माला जपें।

दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल जरूर भरें। यथाशक्ति आहुति देकर गंगाजल पूरे घर में छिड़क दें तथा लाल वस्त्र में शंख बांधकर ‍तिजोरी में रख दें, चमत्कार स्वयं देखें।
 
 

 


(3) ऋषि वशिष्ठ ने लक्ष्मी साधना की थी, जो अत्यंत गुप्त है। महालक्ष्मी यंत्र, श्रीयंत्र या दक्षिणावर्ती शंख कुछ भी जो उपलब्ध हो, लेकर पूर्व की तरह पूजन कर निम्न मंत्र 'ॐ ह्रीं कमल वासिन्यै प्रत्यक्ष ह्रीं फट्' की 21-51-101 माला जप कर हवन करें।
 
लगातार करते रहने से देवी प्रत्यक्ष हो जाती हैं। हवन के समय 'स्वाहा' शब्द अवश्य लगाएं।
 
 


 

(4) पूर्वोक्त विधि से महालक्ष्मी यंत्र स्था पित कर निम्न मंत्र की 21-51 माला जप कर यथाशक्ति हवन करें-
 
'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम:'।
 
हवन में 'स्वाहा' लगाएं।
 


 

(5) दीपावली की रात को 11 माला निम्न मंत्र की जपें तथा नित्य प्रात: बिस्तर छोड़ने से पूर्व 21-21 बार प्रत्येक दिशा में फूंकने से चारों तरफ से लक्ष्मी प्राप्ति होती है। 
 
मंत्र-
 
'ॐ नमो भगवेति पद्म-पद्मावती, ॐ ह्रीं ॐ ॐ पूर्वाय दक्षिणाय, उत्तराय, पश्चिमाय सर्वजन वश्यं कुरु-कुरु स्वाहा।'

 
Show comments

ज़रूर पढ़ें

गुरु पूर्णिमा कब है, जानिए गुरु पूजन विधि और मुहूर्त

138 दिन तक शनि की वक्री चाल, 5 राशियों को रहना होगा बचकर, जानिए उपाय

शिवलिंग पर बिल्वपत्र क्यों चढ़ाया जाता है, जानिए बेलपत्र की कथा

देवशयनी एकादशी व्रत में छिपे हैं स्वास्थ्य और अध्यात्म के रहस्य, पढ़ें 5 लाभ

सावन में अपनी राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पाएं महादेव का विशेष आशीर्वाद

सभी देखें

नवीनतम

01 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

01 जुलाई 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

मासिक दुर्गाष्टमी क्या है, जानें महत्व, कारण और मान्यताएं

बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय, 4 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

सावन माह में शिवलिंग पर कितनी चीजें कर सकते हैं अर्पित