जानिए कैसे लागू होता है दिशाशूल, क्यों न करें इस दौरान यात्रा

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दिशाओं के सामने दिए गए वारों में उक्त दिशा में दिशाशूल होता है। अतः उक्त दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। 

पूर्व दिशा - सोमवार, शनिवार
 
पश्चिम दिशा - रविवार, शुक्रवार
 
दक्षिण दिशा - गुरुवार
 
उत्तर दिशा - मंगलवार, बुधवार
रविवार, गुरुवार, शुक्रवार के दोष रात्रि में प्रभावित नहीं होते हैं। सोमवार, मंगलवार, शनिवार के दोष दिन में प्रभावी नहीं होते हैं। किंतु बुधवार तो हर प्रकार से त्याज्य है। 

 
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अत्यावश्यक होने पर रविवार को पान या घी खाकर, सोमवार को दर्पण देखकर या दूध पीकर, मंगल को गुड़, खाकर, बुधवार को धनिया या तिल खाकर, गुरुवार को जीरा या दही खाकर, शुक्रवार को दही पीकर और शनिवार को अदरक या उड़द खाकर प्रस्थान किया जा सकता है। 

यदि एक दिन में गंतव्य स्थान पर पहुंचना और फिर वापस आना निश्चित हो तो दिशाशूल विचार की आवश्यकता नहीं है। 
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