दान करने जा रहे हैं तो पहले पढ़ें यह 10 खास नियम

पं. प्रणयन एम. पाठक
जानिए, दान से संबंधित विशेष नियम 
 
 मनुष्य को अपने द्वारा न्यायपूर्वक अर्जित किए हुए धन का दसवां भाग, ईश्वर की प्रसन्नता के लिए सत्कर्मो में लगाना चाहिए।



* जो मनुष्य अपनी स्त्री, पुत्र एवं परिवार को दुःखी करके दान देता है, वह दान जीवित रहते हुए भी एवं मरने के बाद भी दुःखदायी होता है।
 
* स्वयं जाकर दिया हुआ दान उत्तम एवं घर बुलाकर दिया हुआ दान मध्यम फलदायी होता है। जब गौ, ब्राम्हणों तथा रोगि‍यों को कुछ दिया जाता हो, उस समय यदि कोई व्यक्ति उसे न देने की सलाह देता हो, तो वह दुःख भोगता है।
 
*  तिल, कुश, जल और चावल को हाथ में लेकर दान देना चाहिए अन्यथा उस दान पर दैत्य अधिकार कर लेते हैं। पितरों को तिल के साथ तथा देवताओं को चावल के साथ दान देना चाहिए। परन्तु जल व कुश का संबंध सर्वत्र रखना चाहिए।

*  देने वाला पूर्वाभिमुखी होकर दान दे, और लेने वाला उत्तराभिमुखी होकर उसे ग्रहण करें, ऐसा करने से दान देने वाले की आयु बढ़ती है, और लेने वाले की आयु भी क्षीण नहीं होती।

*  अन्न, जल, घोड़ा, गाय, वस्त्र, शय्या, छत्र और आसन, इन आठ वस्तुओं का दान मृत्योपरांत के कष्टों को नष्ट करता है। 
 
*  गाय, घर, वस्त्र, शय्या तथा कन्या, इनका दान एक ही व्यक्ति को करना चाहिए। रोगी की सेवा करना, देवताओं का पूजन और ब्राह्मणों के पैर धोना, गौ दान के समान है । 

* दीन, अंधे, निर्धन, अनाथ, गूंगे, जड़, विकलांग तथा रोगी मनुष्य की सेवा के लिए जो धन दिया जाता है, उसका पुण्य महान होता है । 

* विद्याहीन ब्राह्मणों को दान नहीं देना चाहिए। इस प्रकार के दान से ब्राह्मण की हानि होती है । 
 
*  गाय, स्वर्ण, चांदी, रत्न, विद्या, तिल, कन्या, हाथी, घोड़ा, शय्या, वस्त्र, भूमि, अन्न, दूध, छत्र तथा आवश्यक सामग्री सहित घर, इन 16 वस्तुओं के दान को महादान कहते हैं।
Show comments

ज़रूर पढ़ें

जब 1942 में प्रयाग पर बम गिरने के डर से अंग्रेजों ने लगा दिया था प्रतिबंध, जानिए इतिहास

महाकुंभ का वैज्ञानिक महत्व, जानें

प्रयाग कुंभ मेले में जा रहे हैं तो ये 12 कार्य करें और 12 कार्य नहीं

महाकुंभ में नहीं जा पा रहे तो इस विधि से घर बैठे पाएं संगम स्नान का पुण्य लाभ

Mahakumbh 2025: प्रयागराज कुंभ मेले में जा रहे हैं तो इन 12 नियमों और 12 सावधानियों को करें फॉलो

सभी देखें

नवीनतम

17 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

17 जनवरी 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Shattila Ekadashi: 2025 में कब है षटतिला एकादशी, क्यों मनाई जाती है?

Astro Tips For Exams: परीक्षा में चाहते हैं सफलता, तो आजमाएं ये 5 ज्योतिषीय उपाय

Sakat Chauth Vrat 2025: सकट चौथ व्रत क्यों और कैसे रखा जाता है, जानें महत्व, मुहूर्त और विधान