घोड़े की नाल को द्वार पर लगाना उचित है?

अनिरुद्ध जोशी
अक्सर आपने किसी के घर के बाहर या अंदर कही उचित स्थान पर घोड़े की नाल को लटके हुए देखा होगा। कई लोग इस घर में लगाते हैं। घोड़े की नाल को घर के मुख्य प्रवेश द्वार या लिविंग रूम के प्रवेश द्वार पर बाहर की ओर लगाया जाता है। आखिर घोड़े की नाल को लगाने से क्या होता है और क्या यह उचित है?
 
 
क्या होती है घोड़े की नाल?
घोड़े के पैरों के तलवे में लोहे का एक यू शेप का सोल ठोंका जाता है जिससे घोड़े को चलने और दौड़ने में दिक्कत नहीं होती है। अंग्रेजी के यू के आकर के इस सोल में जहां-जहां कील ठोकी जाती है वहां-वहां छेद होते हैं। लौहे के इस सोल को नाल कहते हैं। हालांकि बाजार में आजकल घोड़े की नाल के नाम पर बस नाल ही मिलती है जिसे किसी भी घोड़े ने इस्तेमाल नहीं किया होता है। पुराने समय में जिस घोड़े की नाल बेकार हो जाती थी उसे ही उपयोग में लाया जाता है। इसके पीछे क्या कारण है? यह बताना मुश्किल है।
 
 
ज्योतिष और वास्तु अनुसार 
*वास्तुशास्त्री मानते हैं कि यदि घर का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में हो तो उसके ऊपर बाहर की तरफ घोड़े की नाल लगा देना चाहिए। घर के मुख्यद्वार पर काले घोड़े की नाल लगाने से घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती और बरकत बनी रहती है।
 
*ज्योतिष के अनुसार, काले घोड़े के पैरों पर शनि का विशेष प्रभाव होता है। नाल लोहे की बनी होती है, लोहा शनि की धातु है और काला रंग शनि का प्रिय रंग है। घोड़े की नाल के होने से शनि का प्रकोप समाप्त हो जाता है।
 
*मान्यता है कि काले घोड़े की नाल को अगर काले कपड़े में लपेटकर अनाज में रख दिया जाए तो कभी अनाज की कमी नहीं रहती है। मतलब बरकत बनी रहती है।
 
*यह भी कहते हैं कि काले घोड़े की नाल को किसी काले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख देने से धन में वृद्धि होती रहती है।
 
*मान्यता है कि घोड़े की नाल को घर में स्थापित करने से जादू-टोने, नकारात्मक ऊर्जा व बुरी नजर से मुक्ति मिलती है। 
 
*कहते हैं कि यदि किसी को दौड़ते हुए घोड़े के पैर के छिटक कर निकल पड़ी नाल मिल जाए और वो उसे घर में लाकर उचित स्थान पर लगा दे तो उसका दुर्भाग्य दूर होकर जीवन में खुशियां आ जाती है।
 
*दुकान के बाहर काले घोड़े की नाल को टांगने से बिक्री बढ़ जाती है।
 
 
क्या द्वार के ऊपर घोड़े की नाल लगाना उचित है?
कुछ विद्वानों के अनुसार यह उचित नहीं है। क्योंकि द्वार के उपर या तो गणेशजी की मूर्ति या चित्र स्थापित किया जाता है या कोई मंगल प्रतीक लगाया जाता है। अत: यदि आप घोड़े की नाल को द्वार पर लगाने का सोच रहे हैं तो किसी विद्वान से पूछकर ही ऐसा करें।...एक कथा अनुसार द्वार के महत्व को समझें... हनुमानजी लंका दहन करने में लगे थे तो उन्होंने विभिषण के घर के द्वार पर विष्णु और राम के मंगल प्रतीक देखकर उनके घर को छोड़ दिया था।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Angarak Yog: मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

नरेंद्र मोदी के सितारे 2028 तक बुलंद, भाजपा की सीटें हो सकती हैं 320 के पार

Parashurama jayanti 2024: भगवान परशुराम जयंती कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Shukra aditya yoga 2024: शुक्रादित्य राजयोग से 4 राशियों को होगा बेहद फायदा

गंगा सप्तमी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

Angarak Yog: मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

मई में कब रखा जाएगा पहला प्रदोष व्रत, जानिए पूजा के मुहूर्त और महत्व

Aaj Ka Rashifal: किसके लिए लाभदायी रहेगा 02 मई 2024 का दिन, पढ़ें 12 राशियां

अगला लेख