ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त और योग का खास महत्व है। यदि आप घर का निर्माण प्रारंभ करने की सोच रहे हैं तो आपको वास्तु और ज्योतिष के कुछ नियमों अनुसार ही गृह निर्माण प्रारंभ करना चाहिए। आओ जानते हैं इस संबंध में संक्षिप्त जानकारी।
गृह निर्माण वार : सोमवार, गुरुवार और शनिवार गृहनिर्माण हेतु अच्छे दिन माने जाते हैं। मंगलवार व रविवार को गृह निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए।
गृह निर्माण पक्ष : दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष में ही गृह निर्माण का कार्य प्रारंभ करना चाहिए।
गृह निर्माण माह : फाल्गुन, वैशाख, माघ, श्रवण और कार्तिक माहों में शुरू किया गया गृह निर्माण उत्तम फल देता है।
गृह निर्माण नक्षत्र : जेष्ठा, रेवती और मूल नक्षत्र में गृह निर्माण ना करें। बाकी में कर सकते हैं। नक्षत्र 27 होते हैं उनमें कार्तिक मास में पड़ने वाला पुष्य नक्षत्र श्रेष्ठ है। इसके अलावा अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, श्रावण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र भी अच्छा होता है।
गृह निर्माण योग : वज्र, व्याघात, शूल, व्यतिपात, गंड, अतिगंड, विषकुंभ, परिध और वैधृति योग में गृह निर्माण ना करें। बाकी में कर सकते हैं।
गृह निर्माण चौघड़िया : शुभ चौघड़िया श्रेष्ठ है जिसका स्वामी गुरु है। अमृत का चंद्रमा और लाभ का बुध है।
गृह निर्माण मुहूर्त : मुहूर्त दो तरह के होते हैं शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। शुभ को ग्राह्य समय और अशुभ को अग्राह्य समय कहते हैं। इसमें से 15 मुहूर्त शुभ है और 15 मुहूर्त अशुभ। शुभ मुहूर्त कुल 15 है। शुभ मुहूर्त में श्वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजित, रोहिण, बल, विजय, नैरऋत, वरुण सौम्य और भग ये 15 मुहूर्त हैं। अमृत/जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं। इन्हें छोड़कर बाकी सभी मुहूर्त अशुभ माने गए हैं। रवि के दिन 14वां, सोमवार के दिन 12वां, मंगलवार के दिन 10वां, बुधवार के दिन 8वां, गुरु के दिन 6टा, शुक्रवार के दिन 4था और शनिवार के दिन दूसरा मुहूर्त कुलिक शुभ कार्यों में वर्जित हैं।
दिन-रात के 30 मुहूर्तों में शुभ मुहूर्त रुद्र, श्वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजित, रोहिण, बल, विजय, र्नेत, वरुण सौम्य और भग ये 15 मुहूर्त है।
अति शुभ योग : शनिवार, स्वाति, नक्षत्र सिंह लग्न, शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि, शुभ योग और श्रावण मास ये सभी यदि एक ही दिन उपलब्ध हो सके, तो ऐसा घर दैवी आनंद व सुखों की अनुभूति कराने वाला होता है।
गृह निर्माण की तिथि : इन 30 तिथियों को 5 भागों में विभाजित किया गया है- 1.नंदा, 2. भद्रा, 3.जया, 4.रिक्ता और 5.पूर्णा। यह तिथियों के प्रकार हैं। दोनों पक्षों (कृष्ण और शुक्ल पक्ष) की 1, 6 और 11वीं तिथि अर्थात प्रतिपदा, षष्ठी व एकादशी तिथियां नन्दा तिथि कहलाती हैं। इन तिथियों में अंतिम प्रथम घटी या अंतिम 24 मिनट को छोड़कर सभी मंगल कार्यों को करना शुभ माना गया है। पूर्णा तिथियां : दोनों पक्षों की 5, 10, 15 , तिथि अर्थात पंचमी, दशमी और पूर्णिमा और अमावस पूर्णा तिथि कहलाती हैं। इनमें अमवस्या को छोड़कर बाकि दिनों में अंतिम 1 घटी या 24 मिनट पूर्व तक सभी प्रकार के लिए मंगलिक कार्यों के लिए ये तिथियां शुभ मानी गई हैं। प्रतिपदा, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या तिथि में गृह निर्माण ना करें।
सूर्य राशि भ्रमण अनुसार :
1. मेष राशि में सूर्य होने पर घर बनाना प्रारंभ करना अति लाभदायक होता है।
2. वृषभ राशि में सूर्य : संपत्ति बढ़ना, आर्थिक लाभ।