भोजन से करें ग्रहों की शांति के उपाय

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आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आप ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ फल को कुछ खाकर शुभ फल में बदल सकते हैं। क्या सचमुच ऐसा हो सकता है? कहते हैं कि जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन। जैसा बनेगा मन, वैसा होगा आपका वर्तमान और भविष्य। अन्न ही जहर है और अन्न ही अमृत है।
ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव हमारे जीवन में सबसे पहले हमारे शरीर और फिर मन पर ही पड़ता है। शरीर में ग्रहों से संबंधित सभी तत्व मौजूद रहते हैं। ये ग्रह और नक्षत्र उन्हीं तत्वों को प्रभावित करते हैं। जैसे धरती पर स्थित जल को चन्द्रमा प्रभावित करता है उसी तरह वह शरीर में मौजूद जल को भी प्रभावित कर हमारे मन को चंचल या स्थित बनाता है। इसी तरह सभी ग्रह अपने-अपने तत्वों पर अच्छे या बुरे प्रभाव को डालते हैं। 
 
...आओ जानते हैं कि किस तरह अन्न से ग्रहों को काबू में रखा जा सकता है।
 
1. सूर्य ग्रह : सूर्य की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए जातक को अपने आहार में गेहूं, आम, गुड़ आदि का उपयोग करना चाहिए।
 
2. चन्द्र ग्रह : चन्द्रमा मन का कारक है अत: चन्द्रमा की अनुकूलता के लिए गन्ना, शकर, दूध और दूध से बने पदार्थ, आइसक्रीम और मिठाइयों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
 
3. मंगल ग्रह : आपकी कुंडली में यदि मंगल अशुभ है तो अपने आहार में गुड़, मसूर की दाल, अनार, जौ और शहद का उपयोग कर सकते हैं।
 
4. बुध ग्रह : बुध ग्रह हमारे व्यापार और उद्योग को संचालित करता है। यदि यह कुंडली के नीच भाव में बैठकर अशुभ फल दे रहा है तो मटर, जुवार, कुलपी, हरी दालें, मूंग, हरी सब्जियां आहार में लेनी चाहिए।
 
5. गुरु ग्रह : यदि गुरु या बृहस्पति ग्रह आपकी कुंडली में अशुभ फल दे रहा है तो चना, चना दाल, बेसन, मक्का, केला, हल्दी, सेंधा नमक, पीली दालें और फलों को अपने भोजन में शामिल करें।
 
6. शुक्र ग्रह : शुक्र ग्रह जब नीच का होकर अशुभ फल देने लगे तो त्रिफला, दाल चीनी, कमलगट्टा, मिश्री, मूली और सफेद शलजम का प्रयोग करना चाहिए।
 
7. शनि ग्रह : शनि ग्रह का अशुभ फल जातक को पीड़ा देता है। इसकी अनुकुलता के लिए भोजन में तिल, उड़द, कालीमिर्च, मूंगफली का तेल, अचार, लौंग, तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग करना चाहिए।
 
8. व 9. छाया ग्रह राहु और केतु : राहु और केतु की पीड़ा से बचने के लिए उड़द, तिल और सरसों का प्रयोग लाभदायक रहता है।
 
अन्य उपाय : रविवार को चना, सोमवार को खीर अथवा दूध, मंगलवार को चूरमा तथा हलवा, बुधवार को हरी सब्जी, गुरुवार को चने की दाल अथवा बेसन का प्रयोग, शुक्रवार को मीठा दही और शनिवार को उड़द का सेवन करने से सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं।
 
नोट : उपरोक्त कार्य को अपनाने से पूर्व किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को अपनी कुंडली जरूर दिखा लें। माना जाता है कि किसी ग्रह के सभी तरह के प्रभाव को नष्ट करने के लिए उस ग्रह से संबंधित वस्तुओं का सेवन किया जाता है। अत: यह जानना जरूरी है कि आपकी कुंडली में किसी ग्रह को नष्ट करना है या कि नहीं?
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