7 दिसंबर को वर्षों बाद गुरु-पुष्य के साथ गजकेसरी का शुभ संयोग

पं. हेमन्त रिछारिया
7 दिसंबर 2017 को गुरु-पुष्य शुभ संयोग बन रहा है। गुरु-पुष्य एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त व शुभ योग है जिसमें किए गए कार्य व सिद्धियां शीघ्र फ़लदायक  होती हैं। लेकिन 7 दिसंबर 2017 को वर्ष के अंत में बनने वाला गुरु-पुष्य संयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन गुरु-पुष्य के साथ गजकेसरी राजयोग भी बन रहा है। 
 
यह अति-दुर्लभ संयोग है जो कई वर्षों बाद बनता है। 7 दिसंबर को गुरु तुला राशि में और चन्द्र स्वराशिस्थ होकर कर्क में रहेंगे। यहां गोचरवश चन्द्र, गुरु से दशम् भाव में अर्थात् केन्द्र में रहेंगे। चन्द्र व गुरु के परस्पर केन्द्र में होने के कारण यहां शुभ गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। 
 
गुरु-पुष्य नक्षत्र में गजकेसरी योग का निर्माण बहुत ही शुभ है। इस प्रकार का दुर्लभ संयोग वर्षों बाद निर्मित होता है। इस दिन प्रारम्भ किए गए कार्य व जप-तप त्वरित सिद्ध होकर लाभ प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं कि इस विशेष योग में कौन से कार्य करने श्रेयस्कर रहेंगे-
 
1. प्रतिष्ठान का शुभारंभ - आज के दिन अपने नवीन व्यावसायिक प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना लाभदायक रहेगा।
 
2. नवीन वाहन या भूमि क्रय करना- आज के दिन नवीन वाहन या भूमि क्रय करना लाभदायक रहेगा।
 
3. आभूषण क्रय करना- आज के दिन स्वर्ण आभूषण क्रय करना विशेष लाभदायक रहेगा।
 
4. मंत्र सिद्ध करना- आज के दिन सिद्धि हेतु विशेष मंत्रों को जप द्वारा सिद्ध करना फ़लदायक रहेगा।
 
5. हत्थाजोड़ी व यंत्र-प्रतिष्ठा- इस दुर्लभ संयोग में हत्थाजोड़ी व अन्य शुभ यंत्रों जैसे श्रीयंत्र आदि की प्रतिष्ठा कर स्थापना की जाती है तो यह अनंत गुना फ़लदायी होती है।
 
6. श्वेतार्क मदार की जड़- आज के दिन श्वेतार्क मदार (सफ़ेद आक) की जड़ को धारण करना व सिद्ध करना लाभदायक रहता है।
 
7. गूलर की जड़- आज के दिन गूलर की जड़ को सिद्ध कर स्वर्ण ताबीज में धारण करना लाभदायक रहता है।
 
8. चमेली की जड़- आज के दिन चमेली की जड़ को सिद्ध कर प्रयोग करना लाभदायक रहता है।
 
(विशेष- वनस्पति तंत्र में किसी भी पेड़ की जड़ का उत्खनन करने से पूर्व विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। अत: शास्त्रोक्त नियमों का पालन किए बिना जड़ का उत्खनन ना करें।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astripoint_hbd@yahoo.com
 

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