Guru Pushya Yog : कल है खरीदी का महासंयोग, जानिए गुरु पुष्य नक्षत्र में क्या बन रही है ग्रहों की स्थिति, 4 ग्रहों का शुभ संयोग देगा महालाभ

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Guru Pushya Nakshatra Yoga 2021: धनतेरस और दिवाली के पूर्व खरीदारी और नए कार्यों का शुभारंभ करने का दुर्लभ और महासंयोग बन रहा है। इस समय खरीदी ( Diwali shopping ) गई कोई भी वस्तु अक्षय रहती है और प्रारंभ किया गया कोई भी कार्य निश्चित ही सफल होता है। आओ जानते हैं कि क्या बन रही है शुभ स्थिति और संयोग।
 
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1. 677 साल बाद बन रहा ऐसा महायोग : ज्योतिष विद्वानों के अनुसार वर्तनाम में शनि और गुरु के मकर राशि में रहते हुए गुरु पुष्य नक्षत्र ( Guru Pushya Nakshatra Yoga 2021 ) का संयोग इससे पहले 5 नंबर 1344 में बना था। अब 677 वर्षों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जबकि मकर में शनि और गुरु की युति और गुरुवार को पुष्य नक्षत्र रहेगा।
 
2. कब से कब तक रहेगा नक्षत्र काल : इस बार 28 अक्टूबर 2021 गुरुवार को गुरु पुष्य ( Pushya Nakshatra 2021 ) का योग सुबह 09:41 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11:38 तक रहेगा।
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3. बन रहे हैं और कौनसे योग : इस दिन इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग ( sarvartha siddhi yoga ), अमृत सिद्ध योग और रवि योग ( Ravi yaga ) बन रहा है। सर्वार्धसिद्धि और अमृत सिद्ध योग पूरे दिन रहेगा, जबकि रवि योग प्रात: 06:03 से 09:42 तक रहेगा।
 
4. 28 अक्टूबर के ग्रहों की युति : पांचांग के अनुसार इस 28 अक्टूबर 2021 के दिन तुला राशि में मंगल और सूर्य की युति है जबकि मकर में शनि और गुरु की युति है। इसके साथ ही कर्क में चंद्र, वृषभ में रा‍हु, वृश्‍चिक में शुक्र व केतु और कन्या में बुध ग्रह का गोचर हो रहा है। मकर में शनि और गुरु की युति और तुला में सूर्य और मंगल की युति है। इस तरह चार ग्रहों का केंद्र में शुभ संयोग बन रहा है।
Pushya Nakshatra
दिवाली के दिन रहेगी 4 ग्रहों की युति : पंचांग के अनुसार 4 नवंबर 2021, गुरुवार के दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन दिवाली के समय चंद्र, मंगल, सूर्य और बुध तुला में रहेंगे। शनि और गुरु मकर में पहले से ही विराजमान हैं। शुक्र ग्रह धनु में और राहु ग्रह वृषभ में रहेंगे। लग्न तुला का बन रहा है। माना जा रहा है कि तुला राशि में इन चारों ग्रहों के रहने से शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। सूर्य को ग्रहों का राजा, मंगल को ग्रहों का सेनापति, बुध को ग्रहों का राजकुमार और चंद्रमा को मन का कारक माना गया है।
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महामुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त– सुबह 11:42 से दोहपर 12:26 तक रहेगा।
विजयी मुहूर्त– दोपहर 01:34 से 02:19 तक रहेगा।
अमृत काल मुहूर्त : प्रात: 07:02 से 08:48 तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त– शाम 05:09 से 05:33 तक रहेगा।
सायाह्न संध्या मुहूर्त– शाम 05:20 से 06:36 तक रहेगा।
निशिता मुहूर्त– प्रात: 11:16 से दूसरे दिन दोपहर 12:07 तक रहेगा।
 

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