वर्ष 2021 का पहला गुरु-पुष्य 28 जनवरी को, ये 5 खास मंत्र बनाएंगे हर कार्य में सफल

Webdunia
Guru Pushya 2021
 
वर्ष 2021 में गुरु-पुष्य का पहला शुभ संयोग गुरुवार, 28 जनवरी को बन रहा है। देवगुरु बृहस्पति को पुष्य नक्षत्र का अधिष्ठाता देवता माना गया है। पुष्‍य नक्षत्र का स्वभाव शुभ होता है। अत: यह नक्षत्र शुभ संयोग निर्मित करता है और इस दिन विशेष उपाय व मंत्र जाप करने से जीवन के हर क्षेत्र में शुभ फल मिलने लगते हैं। ज्योतिष के अनुसार गुरुवार का दिन नक्षत्र की दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि इस दिन एक अच्छा शुभ संयोग बनने जा रहा है। 
 
ज्योतिष के अनुसार देवगुरु बृहस्पति का पुष्य नक्षत्र में आने से यह समय अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के देवता- गुरु, नक्षत्र स्वामी- शनि, आराध्य वृक्ष- पीपल, नक्षत्र प्राणी- बकरी तथा तत्व अग्नि हैं। इस नक्षत्र में पूजन-अर्चन और मंत्र जाप करने से जीवन के सभी कष्ट, संकट दूर होते हैं। 
 
इस दिन देवगुरु बृहस्पति का पूजन और नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करने से सारे काम सफल हो जाते हैं और इसका शुभ फल चिरस्थायी रूप से प्राप्त होता है। आइए जानें वेदों में वर्णित पुष्य नक्षत्र के पौराणिक मंत्र-
 
 
पौराणिक मंत्र : वंदे बृहस्पतिं पुष्यदेवता मानुशाकृतिम्। सर्वाभरण संपन्नं देवमंत्रेण मादरात्।।
 
वेद मंत्र : ॐ बृहस्पते अतियदर्यौ अर्हाद दुमद्विभाति क्रतमज्जनेषु।
यददीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविण धेहि चित्रम।
 
पुष्य नक्षत्र का नाम मंत्र : ॐ पुष्याय नम:।
 
नक्षत्र देवता के नाम का मंत्र : ॐ बृहस्पतये नम:।
 
 
पीपल वृक्ष का मंत्र : आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं शरणं गत:। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
अश्वत्थ ह्युतझुग्वास गोविन्दस्य सदाप्रिय अशेषं हर मे पापं वृक्षराज नमोस्तुते।। 
 
जीवन की तमाम परेशानियों, संकट, रोग व दरिद्रता से बचने के लिए पीपल की पूजा और ऊपर बताए मंत्रों के उपाय करने से जीवन में सबकुछ शुभ ही शुभ घटि‍त होता है। 
 
-आरके. 

ALSO READ: गुरुवार की दिशा ईशान, आज मंदिर जाना क्यों जरूरी?

ALSO READ: किसे करना चाहिए गुरुवार का व्रत, जानिए 12 खास बातें

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

कहीं आपका मोबाइल तो नहीं बिगाड़ रहा कुंडली में राहु की स्थिति? जानिए राहु दोष और मोबाइल का संबंध और बचाव के उपाय

लेफ्ट या राइट, नंदी के किस कान में बोलने से पूरी होती है हमारी इच्छा?

शिवरात्रि पर प्रदोष काल या निशिथ मुहूर्त में करें शिवलिंग की पूजा तो मिलेगा दोगुना फल

भगवान की आरती करने का सही और वैज्ञानिक तरीका, मिलेंगे कई फायदे

मंगल का कन्या राशि में गोचर, शनि से होगी टक्कर, बचकर रहें ये 4 राशियां

सभी देखें

नवीनतम

27 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

27 जुलाई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज पर कौन कौन से कार्य करते हैं, जानिए महत्व और अचूक उपाय

2025 Weekly Horoscope: ग्रहों की चाल और आपका भाग्य, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (28 जुलाई से 3 अगस्त तक)

नागपंचमी पर करें इस तरह नागों की पूजा तो सर्प और कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति

अगला लेख