हवन द्वारा कैसे कर सकते हैं भाग्य परिवर्तन? जानिए किस हवन से होगा क्या फायदा

डॉ. अविनाश शाह
गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025 (16:28 IST)
Havan ke upay: भारतीय संस्कृति संपूर्ण विश्व में अग्रणी रही है। भारतवर्ष के ज्ञान की महिमा सूर्य के समान है, जिससे संपूर्ण संसार प्रकाशित होता है। यहां अनेक प्रकार के वैदिक मंत्र, यज्ञ एवं हवन के द्वारा भाग्य परिवर्तन की विधियां प्रचलित हैं। भारत भूमि सदैव ऋषि मुनियों की तपोंभूमि रही है। यहां कई ऋषि मुनियों ने जप, तप, अनुष्ठान एवं हवन इत्यादि करके वायुमंडल को शुद्ध किया है। मान्यता है कि आहुतियां का भोग हमारे देवताओं को प्राप्त होता है जिससे हमें पुण्य फल की प्राप्ति होती है। भारतवर्ष में कई ऋषि मुनियों ने यज्ञ हवन करके अनेकों सिद्धियों की प्राप्ति भी की है। भारत भूमि पर कई ऋषि मुनियों ने विविध कार्यों हेतु विविध प्रकार की सामग्री तैयार करके निश्चित मंत्रों से हवन किया और उस अभीष्ट फल की प्राप्ति निश्चित रूप से होती है। 
 
अनेकों कार्यों की सिद्धि हेतु हवन:
1. लक्ष्मी प्राप्ति हेतु: श्री सूक्त के शुभ मुहूर्त में सवा लाख पाठ करके एवं दशांश का हवन करके बेल पत्र एवं खीर की आहुति देने से धन लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा अनेक प्रकार से लक्ष्मी का आगमन होता है जिससे व्यक्ति का जीवन सुख में व्यतीत होता है तथा धन की समस्याएं दूर होती है।
 
2. रोजगार प्राप्ति हेतु: रोजगार प्राप्ति हेतु 'विश्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई'।। इस चौपाई के सवा लाख जाप तथा दशांश हवन से स्थाई रोजगार की प्राप्ति होती है तथा व्यक्ति के जीवन में रोजगार के लिए परेशान नहीं होना पड़ता।
3. चुनाव में विजय प्राप्ति हेतु: किसी भी व्यक्ति को प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करने हेतु, उच्च पद प्राप्त करने हेतु, चुनाव में विजय प्राप्त करने हेतु तथा दुश्मनों को नष्ट करने हेतु मां बगलामुखी स्तोत्र के 21000 पाठ तथा उसका दशांश हवन चंपा के पुष्पों से करना चाहिए। इसके प्रभाव से व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है।
 
4. रोग नाश हेतु: अकाल मृत्यु के प्रभाव को रोकने के लिए तथा असाध्याय बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को किसी विद्वान पंडित के द्वारा महामृत्युंजय मंत्र के सवा लाख जाप एवं दशांश का हवन करना चाहिए जिससे रोग को शांत किया जा सकता है तथा अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है।
 
5. संतान प्राप्ति हेतु: निसंतान दंपति को संतान प्राप्ति हेतु संतान गोपाल मंत्र के 27000 मंत्र जाप कराकर एवं दशांश हवन करवाना चाहिए। मंत्र जाप के समय हरिवंश पुराण का पाठ करवाने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
 
भारत वर्ष में यज्ञ अनुष्ठान व हवन द्वारा कार्य सिद्धि एवं फल प्राप्ति का विधान अनादि काल से है तथा इन उपायों के द्वारा व्यक्ति अपने भाग्य में भी परिवर्तन कर सकता है।

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