Who is bhadra : जानिए भद्रा कौन है, 11 अगस्त को भद्रा भद्रा पाताल लोक में रहेगी...शुभ फलदायी होगी

पं. हेमन्त रिछारिया
bhadra in astrology
 
किसी भी शुभ कार्यों में मुहूर्त का विशेष महत्व है। मुहूर्त गणना के लिए पंचांग का होना आवश्यक है। तिथि, वार, नक्षत्र, योग व करण इन 5 अंगों को मिलाकर ही 'पंचांग' बनता है। 
 
करण पंचांग का पांचवां अंग है। तिथि के आधे भाग को करण कहते हैं। तिथि के पहले आधे भाग को प्रथम करण तथा दूसरे आधे भाग को द्वितीय करण कहते हैं। इस प्रकार 1 तिथि में दो करण होते हैं। करण कुल 11 प्रकार के होते हैं इनमें से 7 चर व 4 स्थिर होते हैं।
 
चर करण- 1. बव 2. बालव 3. कौलव 4. तैतिल 5. गर 6. वणिज 7.  विष्टि (भद्रा)।
 
स्थिर करण- 8. शकुनि 9. चतुष्पद 10. नाग 11. किंस्तुघ्न।
 
इसमें विष्टि करण को ही भद्रा कहते हैं। समस्त करणों में भद्रा का विशेष महत्व है। Importance of bhadra
 
शुक्ल पक्ष अष्टमी (8) पूर्णिमा (15) तिथि के पूर्वाद्ध में, चतुर्थी (4) व एकदशी (11) तिथि के उत्तरार्द्ध में, एवं कृष्ण पक्ष की तृतीया (3) व दशमी (10) तिथि के उत्तरार्द्ध में, सप्तमी (7) व चतुर्दशी (14) तिथि के पूर्वाद्ध में 'भद्रा' रहती है अर्थात् विष्टि करण रहता है। 
 
पूर्वार्द्ध की भद्रा दिन में व उत्तरार्द्ध की भद्रा रात्रि में त्याज्य है। यहां विशेष बात यह है कि भद्रा का मुख भाग ही त्याज्य है जबकि पुच्छ भाग सब कार्यों में शुभ फलप्रद है। भद्रा के मुख भाग की 5 घटियां अर्थात 2 घंटे त्याज्य है। इसमें किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करना वर्जित है। पुच्छ भाग की 3 घटियां अर्थात् 1 घंटा 12 मिनट शुभ हैं। 
 
सोमवार व शुक्रवार की भद्रा को कल्याणी, शनिवार की भद्रा को वृश्चिकी, गुरुवार की भद्रा को पुण्यवती तथा रविवार, बुधवार, मंगलवार की भद्रा को भद्रिका कहते हैं। इसमें शनिवार की भद्रा विशेष अशुभ होती है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: रक्षाबंधन 11 अगस्त को या कि 12 अगस्त को, कब मनाएं?

June Month Astrology 2022

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

महाकुंभ मेला 2025: क्यों 12 साल बाद लगता है महाकुंभ, कैसे तय होती है कुंभ की तिथि?

धनु संक्रांति कब है क्या होगा इसका फल?

गीता जयंती पर क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

संभल में जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? जानिए क्या है संपूर्ण इतिहास और सबूत

उदयपुर सिटी पैलेस में जिस धूणी-दर्शन को लेकर मेवाड़ राजपरिवार के बीच विवाद हुआ, जानिए उसका इतिहास क्या है

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: क्या लाया है 04 दिसंबर का दिन आपके लिए, पढ़ें 12 राशियों का दैनिक राशिफल

Hindu Nav Varsh 2025: हिंदू नववर्ष 2025 में कौनसा ग्रह होगा राजा और कौनसा मंत्री?

04 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

04 दिसंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

December Birthday: दिसंबर में जन्मे कितने भाग्यशाली हैं? जानें 12 खास बातें

अगला लेख