* तुला राशि में गुरु का गोचर : बदल जाएंगी 12 राशियां...
देवों के गुरु और सर्वपूज्य बृहस्पति/गुरु ने 12 साल बाद आश्विन कृष्ण सप्तमी, 12 सितंबर 2017, मंगलवार को राशि परिवर्तन कर लिया है। इसका एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि इस बार यह ग्रह परिवर्तन श्राद्ध पक्ष में हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व गुरु का राशि परिवर्तन वर्ष 2005 में 28 सितंबर को दशमी को हुआ था। देवगुरु का राशि परिवर्तन हर बार 13 महीने में होता है। इस बार विशेष संयोग में कनागतों में 13वें साल में बृहस्पति कन्या राशि छोड़कर फिर से तुला राशि में प्रवेश करेंगे।
बता दें कि बृहस्पति ने सुबह 6:50 बजे अपनी चाल बदल ली है। उल्लेखनीय है कि तुला शुक्र की राशि है, जो दैत्य गुरु हैं। इस प्रकार से गुरु का अपने शत्रु के घर में प्रवेश करना एक महत्वपूर्ण घटना होगी। बृहस्पति 13 महीने बाद यानी 11 अक्टूबर 2018 तक तुला राशि में रहेंगे।
इस परिवर्तन से क्या होगा प्रभाव :
इस परिवर्तन से व्यापार में तेजी आएगी और राजनीति में उथल-पुथल भरा काल रहेगा। गहरा प्रभाव पड़ेगा। लेखन-पठन से जुड़े लोग जैसे विद्वानों, शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों व लेखकों के लिए शुभ रहेगा, जबकि अधिकारी व राजनितिज्ञों के लिए गुरु का राशि बदलना सामान्य ही रह सकता है।
इन राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव :
* मेष राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन अनुकूल है।
* वृषभ राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन कार्यों में बाधा उत्पन्न करेगा।
* मिथुन राशि के लिए यह परिवर्तन जातकों में उमंग व उत्साह में वृद्धि करेगा।
* कर्क राशि के जातकों के लिए इस परिवर्तन से कार्यों में भाग-दौड़ लगी रहेगी।
* सिंह राशि के जातकों के लिए तुला का गुरु भाग्य वृद्धि लेकर आया है।
* कन्या राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन आर्थिक रूप से सुखद रहेगा।
* तुला राशि के जातकों के लिए इस परिवर्तन के सकारात्मक प्रभाव होंगे। अटके काम बनेंगे।
* वृश्चिक राशि राशि के जातकों के लिए परिवर्तन अनिश्चितता लाएगा। व्यापार में कर्ज सावधानी से लेना होगा।
* धनु राशि के जातकों के लिए इस परिवर्तन से धनलाभ होगा।
* मकर राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन उन्नतिकारक रहेगा।
* कुंभ राशि के जातकों के लिए गुरु का राशि परिवर्तन शुभ फलदायी रहेगा और जीवन में खुशियां लाएगा।
* मीन राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन शुभ कार्यों में धन खर्च कराएगा।