कार्तिक पूर्णिमा के दिन करना चाहिए ये 5 उपाय, हो जाएंगे मालामाल

Webdunia
Kartik Purnima 2021 : 19 नवंबर 2021 शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस पूर्णमा को सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमा माना जाता है। इस दिन को देव दिवाली भी कहा जाता है, क्योंकि गंगा के तट पर देवता स्नान करके दीप जलाकर स्वर्ग प्राप्त‍ि का उत्सव मनाते हैं। आओ जानते हैं कि कौनसे 5 उपाय करने से आपके जीवन से धन संबंधी समस्या का अंत होकर आप मालामाल बन सकते हैं।
 
 
1. छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन : इस दिन चन्द्रोदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति अनसूया और क्षमा इन छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन करें क्योंकि ये स्वामी कार्तिक की माता हैं और कार्तिकेय, खड्गी, वरुण हुताशन और सशूक ये सायंकाल में द्वार के ऊपर शोभित करने योग्य है। अतः इनका धूप-दीप, नैवेद्य द्वारा विधिवत पूजन करने से शौर्य, बल, धैर्य आदि गुणों में वृद्धि होती है। साथ ही धन-धान्य में भी वृद्धि होती है।
 
2. दीपदान : मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। इसीलिए दीपदान का बहुत ही महत्व है। नदी, तालाब आदि जगहों पर दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त होते हैं और जातक कर्ज से भी मुक्ति पा जाता है।
 कार्तिक पूर्णिमा को घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण अवश्य बांधे और दीपावली की ही तरह चारों और दीपक जलाएं।
3. तुलसी पूजा : इस दिन में शालिग्राम के साथ ही तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है। इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ एवं हवन का भी बहुत ही महत्व है। अतः इसमें किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनंत फल होता है। इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं जिससे आपके मनोरथ पूर्ण हो और दरिद्रता दूर हो।
 
4. पूर्णिमा का व्रत : इस दिन व्रत का भी बहुत ही महत्व है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। कार्तिकी पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद कार्तिक व्रत पूर्ण होते हैं। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा से एक वर्ष तक पूर्णिमा व्रत का संकल्प लेकर प्रत्येक पूर्णिमा को स्नान दान आदि पवित्र कर्मों के साथ श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करने का अनुष्ठान भी प्रारंभ होता है।
 
5. दान का फल : इस दिन दानादिका दस यज्ञों के समान फल होता है। इस दिन में दान का भी बहुत ही ज्यदा महत्व होता है। अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें। इससे घर परिवार में धन- समृद्धि और बरकत बनी रहती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Ganesh Utsav 2024: गणेश उत्सव पर पढ़ें विशेष सामग्री (यहां क्लिक करें)

Ganesh Chaturthi Special: मेवाड़ में है अनूठा मंदाकिनी मंदिर जहां होती है नारी गणेश की मूर्तियों की पूजा

Ganesh chaturthi 2024: गणेश जी से जुड़े 10 रोचक तथ्य

Ganesh visarjan 2024 date: अनंत चतुर्दशी 2024 में कब है, श्री गणेश विसर्जन के कौन से हैं शुभ मुहूर्त?

Ganesh Mantra : गणेश जी के इस मूल मंत्र को जपने का महत्व, प्रभाव और परिणाम जानें

सभी देखें

नवीनतम

08 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

08 सितंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Rishi Panchami 2024 : 8 सितंबर को ऋषि पंचमी, जानें महत्व, पौराणिक कथा और मंत्र

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के दूसरे दिन क्या करें, जानें इस दिन के अचूक उपाय और पूजा मुहूर्त

Rishi panchami 2024: ऋषि पंचमी के दिन क्या करते हैं, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

अगला लेख