खरमास के 3 नियम आपकी जिंदगी और किस्मत बदल देंगे

Webdunia
मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें।
 
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ समय या मुहूर्त जरूर देखते हैं। साथ ही सूर्य के चाल को भी जरूर ध्यान में रखते हैं। इस कारण से ही खरमास के महीने में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते। माना जाता है इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता। 
 
जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास प्रारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में इस महीनें को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस महीने में किसी भी तरह के नए काम या शुभ काम नहीं किए जाते हैं। खरमास महीने के अपने अलग नियम होते हैं।
 
मलमास को मलिन मास माना जाता है। इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है। 
 
खरमास के 3 नियम 
 
1. खरमास का महीना एक ऐसा महीना है जिसमें दान और पुण्य करने का सबसे अधिक फल मिलता है। इस महीने में आप जितने जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करेंगे उतना ही आपको लाभ होगा। 
 
2. इस महीने में सेहत और समृद्धि के लिए हर रोज सूर्य को जल चढ़ाने का नियम बना लें। सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि कर लें। इसके बाद चढ़ते सूरज को अर्घ्य दें। ऐसा करना आपको शुभ फल देगा। 
 
3. इस महीने गोशाला जरूर जाएं। गायों को गुड़ और हरा चना खिलाएं। ऐसा संभव ना हो तो घर में गाय की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। इस पूरे महीने गाय की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण आपसे प्रसन्न होंगे।
ALSO READ: Khar Maas 2020 : खरमास में करें इन विशेष मंत्रों का जाप, मिलेगी हर दिशा से सफलता
ALSO READ: Khar Maas 2020 : 15 दिसंबर 2020 से प्रारंभ होगा खरमास, बंद होंगे शुभ काम
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Magh mah gupt navratri 2025: माघ माह की गुप्त नवरात्रि में करें 5 अचूक उपाय, जीवन के हर संकट हो जाएंगे दूर

सनातन में क्या है शंकराचार्य का दर्जा, कितने होते हैं शंकराचार्य, कैसे हुई इस परंपरा की शुरुआत और किसे मिलता है ये पद

बृहस्पति होंगे 3 गुना अतिचारी, धरती का सुख चैन छीन लेंगे, 3 राशियों को करेंगे परेशान और 3 राशियों की किस्मत चमक जाएगी

बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? जानें कैसे मनाएं सरस्वती जयंती

gupt navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि में कौनसी साधना करना चाहिए?

सभी देखें

नवीनतम

01 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

01 फरवरी 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

vasant panchami: बसंत पंचमी के 8 सबसे खास उपाय और 5 कार्य से आएगी जीवन में सुख, शांति और समृद्धि

gupt navratri: गुप्त नवरात्रि की 3 देवियों की पूजा से मिलेगा खास आशीर्वाद

तिलकुंद/वरद चतुर्थी व्रत पर कैसे करें पूजन, जानें डेट, महत्व और पूजा विधि

अगला लेख