दीपावली पूजन 11 नवंबर 2015 को, अमावस्या रात्रि 11:16 मिनट तक रहेगी। दीपावली के पूजन का मुख्य काल प्रदोष काल माना गया है। इस दिन प्रदोष काल रहने से स्थिर लग्न और ज्यादा बलवान हो जाएगा।
* दीपावली पर प्रदोष काल सायं 5:41 बजे से रात्रि 8:15 बजे तक है।
* प्रथम स्थिर लग्न : वृष सायं 5:58 बजे से 7:58 बजे तक रहेगा।
* दूसरा स्थिर लग्न : सिंह अर्द्धरात्रि के बाद 12:28 बजे से रात्रि 02:35 बजे तक।
* महानिशीथ काल : रात्रि 10:43 बजे से रात्रि 01:15 बजे तक रहेगा।
लाभ का समय रात्रि 7:19 बजे से रात्रि 11:57 बजे तक। इस लग्न में शुभ, अमृत, चर का चौघड़िया है। इस अवधि में महालक्ष्मी कुबेरादि व खाता पूजन करना सर्वथा हितकारी रहेगा।
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दीपावली पूजन के बाद व्यवसाय/दुकान खोलने का मुहूर्त : -