27 जुलाई: मंगला गौरी व्रत की सबसे सरल विधि

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श्रावण मास में आनेवाले सभी मंगलवार को सुहागिन महिलाएं मंगला गौरी माता का व्रत करती है। इस वर्ष यह व्रत 27 जुलाई 2021 को मनाया जा रहा है। आइए जानें श्रावण मास के मंगला गौरी व्रत की सबसे सरल पूजन विधि-
 
यह व्रत श्रावण मास में जितने मंगलवार आते हैं, उस दिन गौरीजी का पूजन किया जाता है। 
 
यह व्रत केवल कन्याओं तथा महिलाओं को ही करना चाहिए। 
 
पूजन से पहले स्नान करें। 
 
एक पाटे (बाजोट) पर लाल और सफेद वस्त्र बिछाकर सफेद कपड़े पर चावल की नौ तथा लाल कपड़े पर गेहूं की 16 छोटी-छोटी ढेरियां बनाएं, जिसे षोडश मातृका कहते हैं। 
 
उसी पटे पर थोड़े चावल रखकर गणेशजी की मूर्ति तथा गेहूं रखकर एक जल का कलश भरकर रखें। 
आटे से बना चौमुखा दीपक जलाएं। 
 
अगरबत्ती भी जलाएं। 
 
कलश पर मिट्टी से मंगला गौरी की मूर्ति बनाकर रखें। 
 
सर्वप्रथम गणेशजी का पूजन, फिर कलश तथा दीपक का पूजन करें।
 
षोडश मातृका का पूजन करके मंगला गौरी की मूर्ति को जल के छींटे फिर पंचामृत के छींटें दें। पुन: जल के छींटें देकर विधिवत पूजन सामग्री से पूजन करें। 
 
याद रहे कि मूर्ति का श्रृंगार करना न भूलें तथा गणेशजी को जनेऊ अवश्य चढ़ाई जाती है। 
 
एक सकोरे में आटा भरकर उस पर सुपारी रखें तथा जो दक्षिणा देना है, वह आटे के अंदर रखें। पंच मेवा तथा लड्डू का भोग लगाकर कथा सुनें एवं आरती करें।

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