गुड़ी पड़वा 2022 : कौन सा मंत्र बोलते हैं गुड़ी की पूजा के समय

Webdunia
प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा पर्व (Gudi Padwa 2022) मनाया जाता है। इस वर्ष गुड़ी पड़वा 2 अप्रैल 2022, शनिवार को मनाया जा रहा है। इस वर्ष के संवत्सर का नाम नल तथा विक्रम संवत 2079 है। भारतीय परंपरा के अनुसार गुड़ी पड़वा अथवा नव संवत्सर के दिन प्रातः नित्य कर्मों से निवृत्त होकर, तेल का उबटन लगाकर स्नान करके नए वस्त्र धारण किए जाते हैं। 
 
 
इस दिन शुद्ध एवं पवित्र होकर हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प और जल लेकर देश काल के उच्चारण के साथ पूजन करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, घरों में नया ध्वज लगाते तथा सजाते हैं। इस दिन चैत्र नवरात्रि पर्व भी आरंभ होता है, उमसें नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है तथा नवमी पर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव यानी राम नवमी पर्व मनाया जाता है। 
 
गुड़ी पड़वा के दिन घर के बाहर गुड़ी सजाने का बहुत महत्व है। भारतीय संस्कृति में गुड़ी को आस्था का प्रतीक माना गया है। गुड़ी पड़वा के दिन एक दंड पर साड़ी लपेटकर, सिरों पर लोटा रखकर पुष्प माला से सुसज्जित करके गुड़ी लगाई जाती है। इस दिन निम्न मंत्र (Gudi Padwa 2022 Mantra) से गुड़ी का पूजन करने की प्राचीन परंपरा है। जानिए मंत्र-  
 
गुड़ी पड़वा पूजन का मंत्र-Gudi Padwa Mantra
 
- ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्रह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे अमुकनामसंवत्सरे चैत्रशुक्ल प्रतिपदि अमुकवासरे अमुकगोत्रः अमुकनामाऽहं प्रारभमाणस्य नववर्षस्यास्य प्रथमदिवसे विश्वसृजः श्रीब्रह्मणः प्रसादाय व्रतं करिष्ये।
 
पूजन के तुरंत बाद समस्त विघ्नों का नाश तथा नववर्ष कल्याणकारी और शुभ होने की कामना से ब्रह्मा जी से 'भगवंस्त्वत्प्रसादेन वर्ष क्षेममिहास्तु में। संवत्सरोपसर्गा मे विलयं यान्त्वशेषतः।' मंत्र से विनम्र प्रार्थना की जाती है।

ALSO READ: गुड़ी पड़वा पर भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां

ALSO READ: गुड़ी पड़वा पर क्यों मनाया जाता है हिंदू नववर्ष, जानिए इस बार की विशेषताएं

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

राहु का कुंभ में गोचर, इन लक्षणों से जानिए कि क्या हो रहा है दुष्प्रभाव, बचने के उपाय

समय बहुत खराब आने वाला है, हनुमान चालीसा की ये 2 चौपाई बचाएगी

बृहस्पति वर्ष 2025 में अतिचारी होकर 3 बार करेंगे गोचर, वर्ष 2026 में मचाएंगे तबाही, भारत का क्या होगा?

पाकिस्तान में यहां शिव जी के आंसू से बना था अमृत कुंड, जानिए कटासराज शिव मंदिर का अद्भुत इतिहास

नौतपा 2025 : नवतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें: जानें काम की बाते

सभी देखें

नवीनतम

23 मई 2025 : आपका जन्मदिन

23 मई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

तेलुगु हनुमान जयंती कब है, क्यों मनाई जाती है, जानें इसके बारे में सबकुछ

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

अचला एकादशी व्रत से मिलते हैं ये 8 अद्भुत लाभ

अगला लेख