ये है मौनी अमावस्या का समय, करें पवित्र नदियों में स्नान, होगी तन-मन की शुद्धि

Webdunia
* मौनी अमावस्या पर्व का ये है पौराणिक महत्व
 
महाभारत के एक दृष्टांत में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि माघ मास के दिनों में अनेक तीर्थों का समागम होता है, वहीं पद्म पुराण में कहा गया है कि अन्य मास में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं। यही वजह है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का खास महत्व का माना गया है। यह अमावस्या स्नान, दान और पुण्य के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए कई हजार गुणा फलदायी मानी गई है। 
 
इस वर्ष मौनी अमावस्या 16 जनवरी 2018, मंगलवार के दिन होगी। यह वर्ष 2018 की पहली मौनी अमावस्या है। मौनी अमावस्या का समय 16 जनवरी को 05:11 बजे से प्रारंभ होकर 17 जनवरी 2018, बुधवार 07:47 मिनट तक रहेगा। इस दिन हिन्दू धर्मावलंबी न केवल मौन व्रत रखते है बल्कि भगवान की पूजा-अर्चना भी करते है।
 
पुराणों के अनुसार मौनी अमावस्या यानी भगवान ब्रह्मा के स्वयंभू पुत्र ऋषि मनु। इन्होंने आजीवन मौन रहकर तपस्या की थी इसीलिए इस तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है। इस दिन त्रिवेणी स्थल यानी 3 नदियों का संगम स्थान पर स्नान करने से तन की शुद्धि, मौन रहने से मन की शुद्धि और दान देने से धन की शुद्धि और वृद्धि होती है। 
    
शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या पर गंगा नदी में स्नान करने से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) तीनों प्रकार के मनुष्य के पाप दूर हो जाते हैं। इस दिन स्वर्ग लोक के सारे देवी-देवता गंगा में वास करते हैं, जो पापों से मुक्ति देते हैं। 
 
यह चन्द्र तथा राहु प्रधान होती है इसलिए जिस व्यक्ति की पत्रिका में इन ग्रहों से संबंधित परेशानियां हों, इस दिन उपाय करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

भगवान शिव के परिवार से हुई है सभी धर्मों की उत्पत्ति, कैसे जानिए

ग्रहों की चाल और आपका भाग्य, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (28 जुलाई से 3 अगस्त तक)

काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए सिद्ध माने जाते हैं ये 5 नाग मंदिर, क्या है पौराणिक मान्यता

प्रियंका गांधी के तारे सितारे क्या कहते हैं, क्या बन सकती हैं विपक्ष का चेहरा?

क्या फिर लौटेगी महामारी! नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी में छुपे 2025 में तबाही के संकेत

सभी देखें

नवीनतम

30 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

30 जुलाई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

सावन में शिवजी को कौनसे भोग अर्पित करें, जानें 10 प्रमुख चीजें

शनि मंगल का समसप्तक और राहु मंगल का षडाष्टक योग, भारत को करेगा अस्थिर, 5 कार्य करें

नागपंचमी के दिन करें इन चीजों का दान, ये 6 उपाय देंगे हर परेशानी से मुक्ति, मिलेंगे ये लाभ

अगला लेख