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Mitra Saptami 2025: सूर्य उपासना का महापर्व मित्र सप्तमी: जानें संतान और आरोग्य देने वाले व्रत का महत्व

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हमें फॉलो करें Mitra Saptami 2025

WD Feature Desk

, गुरुवार, 27 नवंबर 2025 (12:59 IST)
Mitra Saptami Importance: मित्र सप्तमी 2025 में 27 नवंबर को मनाई जा रही है।यह व्रत मित्र देवता की पूजा मित्रता और समर्पण को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ संतान सुख की प्राप्ति और परिवार में शांति लाने के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन विशेष रूप से उपवास पूजा और मंत्र जाप करने से भक्तों को मानसिक शांति सुख और संतान सुख की प्राप्ति होती है।ALSO READ: Nanda Saptami 2025: नंदा सप्तमी पर्व, जानें इस व्रत का दिव्य महत्व और रोचक जानकारी
 
मित्र सप्तमी का धार्मिक महत्व: मित्र सप्तमी एक ऐसा पर्व है जो हमारे जीवन में सामाजिक संबंधों और मित्रता को प्रगाढ़ बनाने के लिए है। इस दिन की पूजा से मित्र ग्रह को मजबूत किया जाता है और साथ ही हम अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। यह दिन हमें समाज में सामंजस्य और मित्रता के महत्व को समझने का अवसर देता है। 
 
यह व्रत खासकर शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से मित्रता को प्रगाढ़ करने परिवार में शांति लाने और संतान सुख प्राप्त करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
 
मित्र सप्तमी का पर्व भगवान सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव के 'मित्र' स्वरूप की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार सूर्य देव के कुल 12 स्वरूप हैं जिनमें से एक मित्र हैं जो लोगों के बीच मित्रता और संबंधों को बेहतर बनाने का काम करते हैं।ALSO READ: Panchak November 2025: नवंबर 2025 में कब से कब तक है पंचक, जानें समय और प्रभाव
 
इस दिन सूर्य उपासना करने से व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य और निरोगी काया का आशीर्वाद मिलता है तथा सूर्य की पूजा से जीवन में तेज यश और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। इसके साथ ही यह मान्यता भी है कि इस दिन सूर्य के 'मित्र' स्वरूप की पूजा करने से समाज और परिवार में सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित होते हैं।
 
मित्र सप्तमी एक अत्यंत महत्वपूर्ण और धार्मिक पर्व है जिसे हिंदू पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से सप्तमी तिथि और मित्र ग्रह की पूजा की जाती है ताकि जीवन में मित्रों और संबंधों में सुख-शांति और सामंजस्य बना रहे। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह न केवल मित्रता का प्रतीक है बल्कि जीवन में, समाज में अच्छे संबंधों और मित्रता को भी बढ़ावा देता है।
 
मित्र सप्तमी का पर्व मुख्यतः मित्र ग्रह की पूजा से जुड़ा हुआ है। मित्र ग्रह को ग्रहों में शुभ और सौम्य ग्रह माना जाता है और यह मित्रता सौहार्द और सहयोग का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इस दिन मित्र सप्तमी पूजा विधि के जरिए हम अपने जीवन में शुभता मित्रों से अच्छे रिश्ते और खुशहाली की कामना करते हैं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे योग धर्म ज्योतिष इतिहास पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Mitra Saptami 2025 Date: मित्र सप्तमी 2025 कब है? जानें पूजा विधि, मुहूर्त और संतान प्राप्ति के उपाय

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