Monsoon 2023 : इस बार चिलचिलाती गर्मी के बीच कई राज्यों में बरसात हुई थी। माना जा रहा है कि इस बार रोहिणी नक्षत्र के नौतपा में कई जगहों पर बारिश हुई थी। नौतपा में जहां पर बारिश हो जाती हैं वहां पर अच्छी बारिश के आसार कम रहते हैं परंतु जहां पर बारिश नहीं होती हैं वहां पर खूब झमाझम बारिश होने की संभावना जताई जाती है। इस बार वर्ष 2023 में मानसून की क्या संभावना है? वर्षा अच्छी होगी, सामान्य होगी या सूखा पड़ेगा?
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर से मौसम पर प्रभाव:
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ज्योतिष मान्यता के अनुसार आषाढ़ माह के मध्य में संपूर्ण देश में बादल छा जाते हैं।
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इसके बाद श्रावण माह में भरपूर बारिश होने की संभावना जताई जाती है।
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इसी के साथ सूर्य जब कृतिका नक्षत्र से रोहिणी नक्षत्र में आते हैं तो बारिश की संभावना बनती है।
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रोहिणी से अब मृगशिरा में प्रवेश करेंगे। मिथुन संक्रांति के बाद से ही वर्षा ऋतु की विधिवत रूप से शुरुआत हो जाएगी।
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इस बार की संक्रांति के चलते अच्छी बारिश के संकेत मिलते हैं।
ग्रह नक्षत्रों से बारिश की संभावना:
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आषाढ़ कृष्ण पक्ष में चंद्रमा का रोहिणी नक्षत्र में योग
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आषाढ़ पूर्णिमा को चंद्रमा का उत्तराषाढ़ा में योग
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माघ कृष्ण सप्तमी को स्वाति नक्षत्र में चंद्रमा के रहने के समय बादलों, हवा आदि का आकाश में योग बनेगा।
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उत्तर भारत के राज्यों में बेमौसम की वर्षा हुई, जिसका कारण जल राशि कर्क में मंगल और शुक्र का गोचर था।
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इसके बाद जुलाई के महीने में जब मंगल अग्नि तत्व की राशि सिंह में गोचर करगें तब उत्तर भारत में कम वर्षा के संकेत हैं।
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22 को सूर्य जब आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब वृश्चिक लग्न उदित होगा और चंद्रमा जल राशि कर्क में प्रवेश करेंगे। चंद्रमा से केंद्र में जलीय ग्रह गुरु और शुक्र का होना मानसून की अच्छी शुरुआत का योग माना जाता है। इसके चलते दक्षिण भारत में इस बार पहले की अपेक्षा बारिश के अधिक होने की संभावना है।
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इसी के साथ ही ऐसी संभावना व्यक्त की जा सकती है कि मुंबई, रायपुर, नागपुर, भोपाल तथा कलकत्ता आदि शहरों में जुलाई के मध्य में मंगल और शुक्र की कर्क राशि में बन रही युति के चलते अच्छी बारिश होगी।
दिल्ली -एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड में सामान्य से कम वर्षा होने के संकेत हैं, परंतु असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अच्छी वर्षा होगी। दूसरी ओर गुजरात और महाराष्ट्र में कुछ कम वर्षा के योग हैं।
कुल मिलकर मानसून के समय 95% वर्षा होने की संभावना है परंतु कहीं पर सूखे तो कही बाढ़ की स्थिति के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।